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सकाम अनुष्ठानसे सफलता

एक हैं हमारे शास्त्रीजी सन् १९४२ के लगभग वे सर्वथा ही अकिंचन एवं मातृ-पितृ-विहीन थे। उन्होंने एक यजमानके मुकदमेके लिये जो कि प्रीवी कौंसिल लन्दनमें चल रहा था, हनुमान्जीका एक अनुष्ठान किया। अनुष्ठान पूरा होनेसे कुछ पूर्व ही उन्हें स्वप्नमें हनुमान्जीके दर्शन हुए, जिसमें उन्होंने यजमान परिवारपर गिरते हुए पहाड़को हाथसे रोककर ऊपर ही छिन्न-भिन्न कर दिया था। थोड़े ही दिनोंमें मुकदमेकी जीतका समाचार आया । दक्षिणास्वरूप उन्हें अपेक्षासे अधिक धन, भूमि और भवनकी प्राप्ति हुई।

कहना न होगा कि मुकदमा बहुत बड़ा था। उसमें सफलता मिलनेसे शास्त्रीजीका श्रद्धा-विश्वास बढ़ गया। उन्होंने अपनी मनोरथ पूर्तिके लिये अनुष्ठान किया। थोड़े ही दिनोंमें विवाह हुआ, ससुरालकी सैकड़ों एकड़ भूमि, सैकड़ों पशु एवं प्रचुर द्रव्य उन्हें प्राप्त हुआ। पक्का मकान बन गया, पाँच पुत्र हुए। अब वे अपने परिवारके साथ सुखी जीवन व्यतीत करते हैं। वे तबसे अबतक मेरे पूरे सम्पर्क में हैं। ये सब बातें में विश्वासके बलपर नहीं, अपनी पूरी जानकारीके अनुसार कह रहा हूँ। श्रीहनुमान्जीका आराधन भगवत्प्राप्तिके साधन एवं लौकिक धन आदिको प्राप्तिका भी हेतु है। सतत सावधानी एवं निष्काम प्रीतिपूर्वक आराधना करनेसे सत्वर सफलता मिलती है।

[स्वामी श्रीअखण्डानन्दजी सरस्वती ]



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Real Life Experience प्रभुकृपा


sakaam anushthaanase saphalataa

ek hain hamaare shaastreejee san 1942 ke lagabhag ve sarvatha hee akinchan evan maatri-pitri-viheen the. unhonne ek yajamaanake mukadameke liye jo ki preevee kaunsil landanamen chal raha tha, hanumaanjeeka ek anushthaan kiyaa. anushthaan poora honese kuchh poorv hee unhen svapnamen hanumaanjeeke darshan hue, jisamen unhonne yajamaan parivaarapar girate hue pahaada़ko haathase rokakar oopar hee chhinna-bhinn kar diya thaa. thoda़e hee dinonmen mukadamekee jeetaka samaachaar aaya . dakshinaasvaroop unhen apekshaase adhik dhan, bhoomi aur bhavanakee praapti huee.

kahana n hoga ki mukadama bahut bada़a thaa. usamen saphalata milanese shaastreejeeka shraddhaa-vishvaas badha़ gayaa. unhonne apanee manorath poortike liye anushthaan kiyaa. thoda़e hee dinonmen vivaah hua, sasuraalakee saikada़on ekada़ bhoomi, saikada़on pashu evan prachur dravy unhen praapt huaa. pakka makaan ban gaya, paanch putr hue. ab ve apane parivaarake saath sukhee jeevan vyateet karate hain. ve tabase abatak mere poore sampark men hain. ye sab baaten men vishvaasake balapar naheen, apanee pooree jaanakaareeke anusaar kah raha hoon. shreehanumaanjeeka aaraadhan bhagavatpraaptike saadhan evan laukik dhan aadiko praaptika bhee hetu hai. satat saavadhaanee evan nishkaam preetipoorvak aaraadhana karanese satvar saphalata milatee hai.

[svaamee shreeakhandaanandajee sarasvatee ]

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तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
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