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संतका सद्व्यवहार  [छोटी सी कहानी]
Spiritual Story - Hindi Story (आध्यात्मिक कथा)

हजरत अलीका एक सेवक उनसे झगड़कर भाग गया था। एक दिन जब कुफा शहरमें अली सबेरेकी नमाज पढ़ रहे थे, वह छिपकर मस्जिदमें घुस आया।सभी लोग नमाज पढ़नेमें तल्लीन थे। अवसर पाकर उस नौकरने तलवारका एक भरपूर प्रहार अलीपर किया और भाग खड़ा हुआ ।लोगोंने शीघ्रतापूर्वक नमाज पूरी की। हजरत अलीको भारी चोट लगी थी। कुछ लोग उनकी सेवामें लग गये और कुछ उस हत्यारेको पकड़ने दौड़े। घावमेंसे अधिक रक्त निकल जानेके कारण अलीको प्यास लगी। उनके लिये लोगोंने शरबत बनवाया। इतनी देरमें दूसरे लोग दौड़कर उस अपराधीको पकड़ चुकेथे। वे उसे अली साहबके सामने ले आये। हजरत अलीने कहा- 'यह शरबत पहिले मेरे मारनेवालेको दो। वह दौड़ते-दौड़ते थक गया है, हाँफ रहा है और पसीनेसे लथपथ है। अवश्य वह प्यासा होगा।' लोगोंने उसे शरबत पिलाया और अलीने उसे क्षमा कर दिया। - सु0 सिं0



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santaka sadvyavahaara

hajarat aleeka ek sevak unase jhagada़kar bhaag gaya thaa. ek din jab kupha shaharamen alee saberekee namaaj padha़ rahe the, vah chhipakar masjidamen ghus aayaa.sabhee log namaaj padha़nemen talleen the. avasar paakar us naukarane talavaaraka ek bharapoor prahaar aleepar kiya aur bhaag khada़a hua .logonne sheeghrataapoorvak namaaj pooree kee. hajarat aleeko bhaaree chot lagee thee. kuchh log unakee sevaamen lag gaye aur kuchh us hatyaareko pakada़ne dauड़e. ghaavamense adhik rakt nikal jaaneke kaaran aleeko pyaas lagee. unake liye logonne sharabat banavaayaa. itanee deramen doosare log dauda़kar us aparaadheeko pakada़ chukethe. ve use alee saahabake saamane le aaye. hajarat aleene kahaa- 'yah sharabat pahile mere maaranevaaleko do. vah dauda़te-dauda़te thak gaya hai, haanph raha hai aur paseenese lathapath hai. avashy vah pyaasa hogaa.' logonne use sharabat pilaaya aur aleene use kshama kar diyaa. - su0 sin0

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नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा
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बजाओ राधा नाम की ताली ।
गोवर्धन वासी सांवरे, गोवर्धन वासी
तुम बिन रह्यो न जाय, गोवर्धन वासी
मुझे रास आ गया है,
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श्यामा प्यारी मेरे साथ हैं,
फिर डरने की क्या बात है
श्याम हमारे दिल से पूछो, कितना तुमको
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हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है ।
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
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तू राधे राधे गा ,
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वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
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