⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

पारस-कंकड़ एक समान  [Story To Read]
Wisdom Story - प्रेरक कथा (शिक्षदायक कहानी)

नामदेवकी पत्नी राजाई अपनी सहेली परिसा भागवतकी पत्नीके पास गयी। घरेलू सुख-दुःखकी। कथाके प्रसङ्गमें राजाईने अपने घरकी अत्यधिक विपन्नताकी राम - कहानी सुनायी।

परिसाकी पत्नीने कहा – 'सखि ! मेरे पास माता रुक्मिणीकी दी हुई एक पारसमणि है। मैंने बहुत-से लोहेको उसे छुलाकर सोना बनाया और वह सारी सम्पत्ति तहखानेमें धरी है। तू भी उसे ले जा और थोड़े से लोहेको उससे स्पर्श कराके सोना बना ले तथा मेरी मणि शीघ्र मुझे ला दे। किसीको यह भेद न बताना।'

राजाई पारस ले आयी। लोहेसे उसका स्पर्श कराते ही बहुत-सा सोना बन गया। उसे बाजारमें बेचकर वह बहुत-सा सामान खरीद लायी और विविध व्यञ्जन तैयार करके बैठ गयी।

नामदेव भोजनके लिये घर आये। घरका नया रंग देख उन्हें आश्चर्य हुआ। पत्नीसे सब कुछ साफ-साफ बतानेको कहा। राजाईने सारी घटना कह सुनायी। तब नामदेवने कहा—'दिखाओ मुझे।'

राजाईने मणि लाकर नामदेवके हाथमें धर दी। नामदेव उसे लेकर मध्याह्न स्नानके लिये चल पड़े।। चन्द्रभागा में स्नान करके आह्निकके लिये बैठे और उस पारसमणिको चन्द्रभागामें डाल दिया।इधर राजाईको देर होते देख परिसा भागवतकी पत्नी आयी और उससे पारस माँगने लगी। राजाईने घाटपर पहुँचकर नामदेवसे उसे माँगा तो उन्होंने कहा- 'उसे तो चन्द्रभागाने ले लिया। '

दुःखित और लज्जित हो राजाईने आकर भागवतकी
पत्नीको यह बात सुनायी। बेचारी खाली हाथ घर लौटी। भागवतके घर आनेपर उन्होंने मणि न देखकर अपनी पत्नीसे पूछा। उसने सारा हाल कह सुनाया । उसने सर्वत्र प्रचार किया कि नामदेवने पारस चुरा लिया। लोगोंमें एक तहलका मच गया।

देखते-देखते चन्द्रभागापर भीड़ लग गयी। भागवतने आकर नामदेवसे सीधेसे पारस दे देनेको कहा। नामदेवने कहा- 'उसे मैंने तो चन्द्रभागामें डाल दिया। चाहिये तो निकालकर दिखा दूँ ।'

लोग हँसने लगे। नदीके गर्भमें गयी मणि कैसे निकल सकती है।

नामदेवने डुबकी लगायी, अञ्जलिपर कुछ कंकड़ निकाले और कहा-'लीजिये, इतने सारे पारस !' मजाक करते हुए लोगोंने लोहेके टुकड़े उन कंकड़ोंसे स्पर्श कराये। सचमुच वे सोनेके बन गये। लोगोंके आश्चर्यका ठिकाना न रहा।

- गो0 न0 बै0

(भक्तिविजय, अध्याय 18)



You may also like these:

हिन्दी कहानी प्रतिभाकी पहचान
आध्यात्मिक कहानी चिरकारी प्रशस्यते
हिन्दी कहानी सिकन्दरकी मातृभक्ति
हिन्दी कथा सद्व्यवहार
आध्यात्मिक कहानी मैं आपका पुत्र हूँ
हिन्दी कहानी भागवत- जीवन
आध्यात्मिक कहानी जब सूली पानी-पानी हो गयी !
हिन्दी कहानी क्षणिक जीवन


paarasa-kankada़ ek samaana

naamadevakee patnee raajaaee apanee sahelee parisa bhaagavatakee patneeke paas gayee. ghareloo sukha-duhkhakee. kathaake prasangamen raajaaeene apane gharakee atyadhik vipannataakee raam - kahaanee sunaayee.

parisaakee patneene kaha – 'sakhi ! mere paas maata rukmineekee dee huee ek paarasamani hai. mainne bahuta-se loheko use chhulaakar sona banaaya aur vah saaree sampatti tahakhaanemen dharee hai. too bhee use le ja aur thoड़e se loheko usase sparsh karaake sona bana le tatha meree mani sheeghr mujhe la de. kiseeko yah bhed n bataanaa.'

raajaaee paaras le aayee. lohese usaka sparsh karaate hee bahuta-sa sona ban gayaa. use baajaaramen bechakar vah bahuta-sa saamaan khareed laayee aur vividh vyanjan taiyaar karake baith gayee.

naamadev bhojanake liye ghar aaye. gharaka naya rang dekh unhen aashchary huaa. patneese sab kuchh saapha-saaph bataaneko kahaa. raajaaeene saaree ghatana kah sunaayee. tab naamadevane kahaa—'dikhaao mujhe.'

raajaaeene mani laakar naamadevake haathamen dhar dee. naamadev use lekar madhyaahn snaanake liye chal pada़e.. chandrabhaaga men snaan karake aahnikake liye baithe aur us paarasamaniko chandrabhaagaamen daal diyaa.idhar raajaaeeko der hote dekh parisa bhaagavatakee patnee aayee aur usase paaras maangane lagee. raajaaeene ghaatapar pahunchakar naamadevase use maanga to unhonne kahaa- 'use to chandrabhaagaane le liyaa. '

duhkhit aur lajjit ho raajaaeene aakar bhaagavatakee
patneeko yah baat sunaayee. bechaaree khaalee haath ghar lautee. bhaagavatake ghar aanepar unhonne mani n dekhakar apanee patneese poochhaa. usane saara haal kah sunaaya . usane sarvatr prachaar kiya ki naamadevane paaras chura liyaa. logonmen ek tahalaka mach gayaa.

dekhate-dekhate chandrabhaagaapar bheeda़ lag gayee. bhaagavatane aakar naamadevase seedhese paaras de deneko kahaa. naamadevane kahaa- 'use mainne to chandrabhaagaamen daal diyaa. chaahiye to nikaalakar dikha doon .'

log hansane lage. nadeeke garbhamen gayee mani kaise nikal sakatee hai.

naamadevane dubakee lagaayee, anjalipar kuchh kankada़ nikaale aur kahaa-'leejiye, itane saare paaras !' majaak karate hue logonne loheke tukada़e un kankaड़onse sparsh karaaye. sachamuch ve soneke ban gaye. logonke aashcharyaka thikaana n rahaa.

- go0 na0 bai0

(bhaktivijay, adhyaay 18)

76 Views





Bhajan Lyrics View All

मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
राधे राधे बोल, राधे राधे बोल,
बरसाने मे दोल, के मुख से राधे राधे बोल,
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
दिल की हर धड़कन से तेरा नाम निकलता है
तेरे दर्शन को मोहन तेरा दास तरसता है
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
मुँह फेर जिधर देखु मुझे तू ही नज़र आये
हम छोड़के दर तेरा अब और किधर जाये
मैं मिलन की प्यासी धारा
तुम रस के सागर रसिया हो
इतना तो करना स्वामी जब प्राण तन से
गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
हर साँस में हो सुमिरन तेरा,
यूँ बीत जाये जीवन मेरा
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
रंगीलो राधावल्लभ लाल, जै जै जै श्री
विहरत संग लाडली बाल, जै जै जै श्री
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,

New Bhajan Lyrics View All

मैं आया तेरे दरबार मेरे मुरली वाले,
मुझे दर्शन दो एक बार मेरे मुरली वाले॥
श्याम कैसी तुम्हारी नगरिया,
लोग पैदल चले आ रहे है॥
लाल लंगोटो हाथ में सोटो बजरंगी नखराले,
लाल है यो तो अंजनी मां का ठुमक ठुमक कर
गौरा ने ऐसा लाल जाया,
शोर जग ने मचाया।
ना छोड़िए ना छोड़िए मेरे सतगुरु
मेरे साहेब प्यारे ना छोड़िए,