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सबसे बड़ा आश्चर्य  [आध्यात्मिक कथा]
बोध कथा - Hindi Story (Wisdom Story)

वनमें धर्मराज युधिष्ठिरके चारों भाई सरोवरके किनारे मृतकके समान पड़े थे। प्यास तथा भ्रातृशोकसे व्याकुल युधिष्ठिरके सम्मुख एक यक्ष प्रत्यक्ष खड़ा था । यक्षके प्रश्नोंका उत्तर दिये बिना जल पीनेके प्रयत्नमें ही भौम, अर्जुन, नकुल तथा सहदेवकी यह दशा हुई थी। युधिष्ठिरने यक्षको उसके प्रश्नोंका उत्तर देना स्वीकार कर लिया था। यक्ष प्रश्नपर प्रश्न करता जा रहा था। युधिष्ठिरजी उसे धैर्यपूर्वक उत्तर दे रहे थे यक्षअन्तिम प्रश्नोंमेंसे एक प्रश्न था - 'आश्चर्य क्या है ?'

अहन्यहनि भूतानि गच्छन्तीह यमालयम् ।

शेषाः स्थिरत्वमिच्छन्ति किमाश्चर्यमतः परम् ॥

'नित्य-नित्य – प्रतिदिन प्राणी यमलोक जा रहे हैं। (सब देख रहे हैं कि प्रतिदिन उनके आसपास लोग मर रहे हैं)। परंतु (फिर भी) बचे हुए लोग स्थिर (अमर) बने रहना चाहते हैं, इससे बड़ा आश्चर्य और क्या होगा।' यह उत्तर था धर्मराजका ।

- सु0 सिं0 (महाभारत, वन0 313)



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sabase baड़a aashcharya

vanamen dharmaraaj yudhishthirake chaaron bhaaee sarovarake kinaare mritakake samaan pada़e the. pyaas tatha bhraatrishokase vyaakul yudhishthirake sammukh ek yaksh pratyaksh khaड़a tha . yakshake prashnonka uttar diye bina jal peeneke prayatnamen hee bhaum, arjun, nakul tatha sahadevakee yah dasha huee thee. yudhishthirane yakshako usake prashnonka uttar dena sveekaar kar liya thaa. yaksh prashnapar prashn karata ja raha thaa. yudhishthirajee use dhairyapoorvak uttar de rahe the yakshaantim prashnonmense ek prashn tha - 'aashchary kya hai ?'

ahanyahani bhootaani gachchhanteeh yamaalayam .

sheshaah sthiratvamichchhanti kimaashcharyamatah param ..

'nitya-nity – pratidin praanee yamalok ja rahe hain. (sab dekh rahe hain ki pratidin unake aasapaas log mar rahe hain). parantu (phir bhee) bache hue log sthir (amara) bane rahana chaahate hain, isase bada़a aashchary aur kya hogaa.' yah uttar tha dharmaraajaka .

- su0 sin0 (mahaabhaarat, vana0 313)

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