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बारहसिंगाका अनुभव  [हिन्दी कथा]
छोटी सी कहानी - प्रेरक कथा (Shikshaprad Kahani)

बारहसिंगाका अनुभव

एक बारहसिंगा था। एक बार वह एक झरनेमें पानी पीने लगा। पानीमें उसने अपनी परछाई देखी। अपने लम्बे और डालियोंकी तरह फैले हुए सींग देखकर उसे अपनी सूरत बहुत मोहक लगी। उसने सोचा, मेरे सींग कितने खूबसूरत हैं। इतनेमें उसकी नजर अपने पैरोंपर पड़ी। उसे लगा कि अगर मेरी खूबसूरतीमें कोई कमी है तो वह सूखी लकड़ी जैसे इन पैरोंकी है।
इतनेमें उसने बन्दूककी आवाज सुनी। वह घबराया और जान लेकर भागा। कुछ ही देरमें वह बहुत दूर चला गया। उसने छुटकारेकी साँस ली। यह सोचकर कि आसपास कोई शिकारी नहीं है, वह बेखटके घास चरने लगा। इतनेमें अचानक पीछेसे शिकारी आता दिखायी पड़ा।
बारहसिंगा तो हक्का-बक्का होकर भागा। चौकड़ियाँ भरता हुआ वह बढ़ा जा रहा था। घबराहटके मारे भागता दौड़ता हुआ वह जटाओंवाले एक बरगदके नीचे जा पहुँचा। संयोग कुछ ऐसा हुआ कि उसके लम्बे सींग वरगदकी जटाओंमें उलझ गये, सींगोंको निकालनेके लिये वह जितना ही जोर लगाता, सींग जटाओंमें उतने ही अधिक उलझते जाते ।
इतनेमें शिकारी आ पहुँचा और उसने संकटमें फँसे बारहसिंगेको मार गिराया।
मरते-मरते उस बाखने मनमें क्या सच्चा ? अरे! जिन पैरो में निन्दा करता था, उन्होंने तो मुझे दुश्मनके पंजेसे बचा लिया था, लेकिन जिन सोपस मैं मोहित हुआ था, आखिर के ही मेरे प्राण लेनेवाले बने।
तात्पर्य यह है कि जो वस्तु, व्यक्ति अथवा गुण देखने में मोहक हो, आवश्यक नहीं कि वह सदैव उपयोगी ही सिद्ध हो। इसी प्रकार जो वस्तु हमें देखने में सामान्य लगती है, कई बार वही मौकेपर काम आती है।



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baarahasingaaka anubhava

baarahasingaaka anubhava

ek baarahasinga thaa. ek baar vah ek jharanemen paanee peene lagaa. paaneemen usane apanee parachhaaee dekhee. apane lambe aur daaliyonkee tarah phaile hue seeng dekhakar use apanee soorat bahut mohak lagee. usane socha, mere seeng kitane khoobasoorat hain. itanemen usakee najar apane paironpar pada़ee. use laga ki agar meree khoobasoorateemen koee kamee hai to vah sookhee lakada़ee jaise in paironkee hai.
itanemen usane bandookakee aavaaj sunee. vah ghabaraaya aur jaan lekar bhaagaa. kuchh hee deramen vah bahut door chala gayaa. usane chhutakaarekee saans lee. yah sochakar ki aasapaas koee shikaaree naheen hai, vah bekhatake ghaas charane lagaa. itanemen achaanak peechhese shikaaree aata dikhaayee pada़aa.
baarahasinga to hakkaa-bakka hokar bhaagaa. chaukada़iyaan bharata hua vah badha़a ja raha thaa. ghabaraahatake maare bhaagata dauda़ta hua vah jataaonvaale ek baragadake neeche ja pahunchaa. sanyog kuchh aisa hua ki usake lambe seeng varagadakee jataaonmen ulajh gaye, seengonko nikaalaneke liye vah jitana hee jor lagaata, seeng jataaonmen utane hee adhik ulajhate jaate .
itanemen shikaaree a pahuncha aur usane sankatamen phanse baarahasingeko maar giraayaa.
marate-marate us baakhane manamen kya sachcha ? are! jin pairo men ninda karata tha, unhonne to mujhe dushmanake panjese bacha liya tha, lekin jin sopas main mohit hua tha, aakhir ke hee mere praan lenevaale bane.
taatpary yah hai ki jo vastu, vyakti athava gun dekhane men mohak ho, aavashyak naheen ki vah sadaiv upayogee hee siddh ho. isee prakaar jo vastu hamen dekhane men saamaany lagatee hai, kaee baar vahee maukepar kaam aatee hai.

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