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11 बातें जिनसे भगवान की कृपया निश्चय ही मिल जाएगी [जरूर पढ़ें]

(१) हमारे श्रीराधा-माधव अपने ही हैं, हमपर उनका पूर्ण अधिकार है। 'हम सर्वथा उनके हैं और वे हमारे हैं' ऐसा मनमें पूर्ण विश्वास रखना है।

(२) हमारे प्रिया-प्रियतम इतने सरल हैं कि हमारे इतिहास वे देखते ही नहीं, बस वर्तमानमें हमारा भाव कैसा है केवल उसीकी ओर देखते हैं।

(३) यदि एक बार भी हमने सच्चे मनसे कह दिया कि 'हे नाथ! मैं केवल-केवल सदाके लिये | आपका ही हूँ' तो बस भगवान् उसे उसी क्षण स्वीकार कर लेते हैं। इस विषयपर पूज्य श्रीभाईजीका एक पद द्रष्टव्य है—

एक बार जो कपट छोड़ कर, कहै नाथ मैं थारो । सो म्हारो सगलां पुत्रों में, अधिक लाडलो म्हारो ॥

(४) भगवान्‌के प्रति पूर्ण समर्पण हो जानेपर हमारी सारी जिम्मेवारी भगवान् सँभाल लेते हैं। (५) हमें तो बस इतना ही काम करना है जीभसे उनका नाम लेना है और मनमें उनकी मीठी मीठी स्मृति करते रहना है। बस, और सारा काम वे अपने-आप करेंगे।

(६) 'उनकी अहैतुकी कृपा हमपर हो चुकी' ऐसा मानकर प्रतिपल उनकी कृपाको देखकर मुग्ध होते रहना है।

(७) यदि यत्किंचित् भी हमारा खिंचाव श्रीराधामाधवके श्रीचरणोंमें हुआ तो मानना चाहिये कि हमपर किसी महान् व्रजप्रेमी संतकी कृपा हो चुकी है।

(८) भगवत्प्रेमीका मिलना ही दुर्लभ है, यदि मिल गये और हमें अपना लिया तो हमारा काम बन ही गया। हाँ, एक बातका ध्यान अवश्य रखें कि उनके मनके विपरीत हमारा कोई आचरण न हो।

(९) कैसी भी परिस्थिति आये, चाहे वह हमारे मनके अनुकूल न हो, पर हमें उसे अपने प्यारे भगवान्‌का भेजा हुआ प्रसाद मानकर खूब प्रसन्नतापूर्वक राजी रहना चाहिये ।

(१०) 'सबमें भगवान् स्थित हैं' ऐसा समझकर प्रत्येक प्राणीके प्रति अतीव नम्र से नम्र, मीठा-से मीठा व्यवहार करे।

(११) अपने-आपको भगवान्‌की कृपाके आश्रयपर
छोड़कर निश्चिन्त हो जाय। [ श्रीबनवारीलालजी गोयन्का ]



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Real Life Experience प्रभुकृपा


11 baaten jinase bhagavaan kee kripaya nishchay hee mil jaaegee [jaroor paढ़en]

(1) hamaare shreeraadhaa-maadhav apane hee hain, hamapar unaka poorn adhikaar hai. 'ham sarvatha unake hain aur ve hamaare hain' aisa manamen poorn vishvaas rakhana hai.

(2) hamaare priyaa-priyatam itane saral hain ki hamaare itihaas ve dekhate hee naheen, bas vartamaanamen hamaara bhaav kaisa hai keval useekee or dekhate hain.

(3) yadi ek baar bhee hamane sachche manase kah diya ki 'he naatha! main kevala-keval sadaake liye | aapaka hee hoon' to bas bhagavaan use usee kshan sveekaar kar lete hain. is vishayapar poojy shreebhaaeejeeka ek pad drashtavy hai—

ek baar jo kapat chhoda़ kar, kahai naath main thaaro . so mhaaro sagalaan putron men, adhik laadalo mhaaro ..

(4) bhagavaan‌ke prati poorn samarpan ho jaanepar hamaaree saaree jimmevaaree bhagavaan sanbhaal lete hain. (5) hamen to bas itana hee kaam karana hai jeebhase unaka naam lena hai aur manamen unakee meethee meethee smriti karate rahana hai. bas, aur saara kaam ve apane-aap karenge.

(6) 'unakee ahaitukee kripa hamapar ho chukee' aisa maanakar pratipal unakee kripaako dekhakar mugdh hote rahana hai.

(7) yadi yatkinchit bhee hamaara khinchaav shreeraadhaamaadhavake shreecharanonmen hua to maanana chaahiye ki hamapar kisee mahaan vrajapremee santakee kripa ho chukee hai.

(8) bhagavatpremeeka milana hee durlabh hai, yadi mil gaye aur hamen apana liya to hamaara kaam ban hee gayaa. haan, ek baataka dhyaan avashy rakhen ki unake manake vipareet hamaara koee aacharan n ho.

(9) kaisee bhee paristhiti aaye, chaahe vah hamaare manake anukool n ho, par hamen use apane pyaare bhagavaan‌ka bheja hua prasaad maanakar khoob prasannataapoorvak raajee rahana chaahiye .

(10) 'sabamen bhagavaan sthit hain' aisa samajhakar pratyek praaneeke prati ateev namr se namr, meethaa-se meetha vyavahaar kare.

(11) apane-aapako bhagavaan‌kee kripaake aashrayapara
chhoda़kar nishchint ho jaaya. [ shreebanavaareelaalajee goyanka ]

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