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एक अभूतपूर्व सत्य घटना

शिवपुरी - मध्यप्रदेशमें शंकरभगवान्‌के अनन्य उपासक एवं महान् भक्त श्रीप्रह्लाददास खण्डेलवाल वैश्यके निधनकालके समय एक अभूतपूर्व दिव्य घटना घटित हुई है।

दिनांक २२ अक्टूबर १९६१ ई० रविवारको श्रीसिद्धेश्वर मन्दिर-स्थित शिवपुरीमें एक संन्यासी महात्माने उक्त भक्त श्रीप्रह्लाददासजीको कहा कि मुझे रात्रिको स्वप्न हुआ कि तुमको शंकरभगवान्ने बुलाकर अपनी गोदीमें बिठा लिया है, यह सुनकर उपस्थित सज्जनोंको आश्चर्य हुआ, परंतु भक्तजी प्रसन्नमुद्रामें हँस पड़े और कहने लगे कि मेरी यही तीव्र अभिलाषा है।

ठीक एक सप्ताहके उपरान्त दिनांक २९ अक्टूबर १९६१ को उक्त भक्तजी श्रीप्रह्लाददासजी दैनिक नित्य नियमके अनुसार शंकरभगवान्की पूजाके हेतु श्रीसिद्धेश्वरमन्दिर पहुँचे और पूर्वकी भाँति ही उन्होंने पीताम्बर वस्त्र पहनकर, रुद्राक्षकी माला गलेमें डालकर, पूजाकी सामग्री सँजोयी और शंकरभगवान्के समक्ष पहुँचे। वहाँ शंकरभगवान्की प्रतिमाके समक्ष हाथ जोड़कर दण्डवत् करते ही अपने प्राण त्याग दिये। ध्यान रहे उक्त भक्तजी मृत्युके पूर्व पूर्ण स्वस्थ एवं प्रसन्नचित्त थे।

श्रीप्रह्लाददासजी खण्डेलवाल शिवपुरी नगरके एक प्रतिष्ठित, महान् धार्मिक, परोपकारी तथा साधुसेवी एवं प्रतिभाशाली व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवनके हर क्षणको शंकरभगवान्‌को अर्पण कर दिया था। उन्होंने अपनेको शंकरभगवान्‌ के समक्ष आत्मसमर्पण करके कलियुगमें शंकरभगवान्‌की आराधनाकी सत्यताको प्रमाणित कर दिखाया।

[ श्रीमदनलालजी गुप्ता खण्डेलवाल ]



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ek abhootapoorv saty ghatanaa

shivapuree - madhyapradeshamen shankarabhagavaan‌ke anany upaasak evan mahaan bhakt shreeprahlaadadaas khandelavaal vaishyake nidhanakaalake samay ek abhootapoorv divy ghatana ghatit huee hai.

dinaank 22 aktoobar 1961 ee0 ravivaarako shreesiddheshvar mandira-sthit shivapureemen ek sannyaasee mahaatmaane ukt bhakt shreeprahlaadadaasajeeko kaha ki mujhe raatriko svapn hua ki tumako shankarabhagavaanne bulaakar apanee godeemen bitha liya hai, yah sunakar upasthit sajjanonko aashchary hua, parantu bhaktajee prasannamudraamen hans pada़e aur kahane lage ki meree yahee teevr abhilaasha hai.

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[ shreemadanalaalajee gupta khandelavaal ]

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