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भगवती श्रीपूर्णागिरिमाताकी प्रत्यक्ष कृपा

बात लगभग १२-१३ साल पुरानी है। मेरे पति एक सरकारी विभागमें उच्च पदपर कार्यरत थे। एक बार हमलोग सरकारी गाड़ीसे नैनीताल टूरपर गये। रास्ते में वहाँसे पूर्णागिरि देवीके दर्शनके लिये गये। गाड़ी एक जगह जाकर रुक गयी। वहाँसे पहाड़ी चढ़ाई चढ़ते हुए हम लोग माँके दर्शनके लिये गये। आरामसे माँके दर्शन हुए। वापसीमें मेरे पति जल्दी जल्दी गाड़ीतक जानेके लिये आगे हो लिये। मैं गाड़ीके ड्राइवरके साथ धीरे-धीरे चलती हुई गाड़ीतक आयी, परंतु वहाँ वे दिखायी ही नहीं दिये। ड्राइवरने इधर-उधर बहुत ढूँढ़ा और एनाउन्समेण्ट भी करवाया। परंतु कुछ नहीं हुआ। इतनेमें एक और सरकारी गाड़ी आयी। उसमेंसे भी एक सरकारी दम्पती उतरे और दर्शनको जाने लगे। मैंने उनसे कहा- 'हमलोग भी सरकारी गाड़ीसे आये हैं। माँका दर्शन करने गये थे। वापसीमें मेरे पति कहाँ रह गये नहीं मालूम। गरमी भयंकर है। कहीं वे चक्कर खाकर गिर तो नहीं गये। उन्होंने अमुक रंगका पैण्ट-शर्ट पहन रखा है। यदि आपको दिखें तो कहियेगा कि उनकी पत्नी उन्हें नीचे ढूँढ़ रही हैं।' उन्होंने आश्वासन दिया।इधर मैं माँसे कह रही थी, आप तो सबकी रक्षा करनेवाली हैं। उन्हें ढूँढ़कर भेजनेकी कृपा करें। फिर भी मनमें तरह-तरहके विचार उद्वेलित कर रहे थे। ड्राइवर थका होनेके बावजूद वापस पहाड़ी चढ़कर ढूँढ़ने गया। ड्राइवरके थोड़ी दूर जानेपर वे आते दिखायी दिये। दूसरे सरकारी अफसर भी उनको मिले तथा मेरी चिन्ता बतायी। आनेके बाद उन्होंने जो आपबीती बतायी वह आश्चर्यजनक थी

उन्होंने कहा- अकेले आते समय वे रास्ता भूल गये और गलत रास्ते पर चले गये। थोड़ी दूर जानेपर सुनसान जंगल दिखायी देने लगा तथा गर्मीसे बेहाल हो गये। कह रहे थे कुछ समझमें नहीं आ रहा था कि किधर जायँ। इतनेमें तीन पहाड़ी औरतें सिरपर घासका गट्ठर लिये जा रही थीं, उन्होंने कहा आगे घना जंगल है, आप वापस जायँ। आगे आपको आपका रास्ता मिल जायगा। ये वापस आने लगे, लेकिन फिर मुड़कर देखा तो वे औरतें वहाँ नहीं थीं।

धन्य है माँकी कृपा! पहाड़ी औरतोंके रूपमें उन्होंने मेरे सुहागकी रक्षा की। यदि माँकी सच्चे मनसे पुकार की जाय तो वे अवश्य रक्षा करती हैं।

[ श्रीमती विद्याजी लक्कड़ ]



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bhagavatee shreepoornaagirimaataakee pratyaksh kripaa

baat lagabhag 12-13 saal puraanee hai. mere pati ek sarakaaree vibhaagamen uchch padapar kaaryarat the. ek baar hamalog sarakaaree gaada़eese naineetaal toorapar gaye. raaste men vahaanse poornaagiri deveeke darshanake liye gaye. gaada़ee ek jagah jaakar ruk gayee. vahaanse pahaada़ee chadha़aaee chadha़te hue ham log maanke darshanake liye gaye. aaraamase maanke darshan hue. vaapaseemen mere pati jaldee jaldee gaada़eetak jaaneke liye aage ho liye. main gaada़eeke draaivarake saath dheere-dheere chalatee huee gaada़eetak aayee, parantu vahaan ve dikhaayee hee naheen diye. draaivarane idhara-udhar bahut dhoondha़a aur enaaunsament bhee karavaayaa. parantu kuchh naheen huaa. itanemen ek aur sarakaaree gaada़ee aayee. usamense bhee ek sarakaaree dampatee utare aur darshanako jaane lage. mainne unase kahaa- 'hamalog bhee sarakaaree gaada़eese aaye hain. maanka darshan karane gaye the. vaapaseemen mere pati kahaan rah gaye naheen maalooma. garamee bhayankar hai. kaheen ve chakkar khaakar gir to naheen gaye. unhonne amuk rangaka painta-shart pahan rakha hai. yadi aapako dikhen to kahiyega ki unakee patnee unhen neeche dhoondha़ rahee hain.' unhonne aashvaasan diyaa.idhar main maanse kah rahee thee, aap to sabakee raksha karanevaalee hain. unhen dhoondha़kar bhejanekee kripa karen. phir bhee manamen taraha-tarahake vichaar udvelit kar rahe the. draaivar thaka honeke baavajood vaapas pahaada़ee chadha़kar dhoondha़ne gayaa. draaivarake thoda़ee door jaanepar ve aate dikhaayee diye. doosare sarakaaree aphasar bhee unako mile tatha meree chinta bataayee. aaneke baad unhonne jo aapabeetee bataayee vah aashcharyajanak thee

unhonne kahaa- akele aate samay ve raasta bhool gaye aur galat raaste par chale gaye. thoda़ee door jaanepar sunasaan jangal dikhaayee dene laga tatha garmeese behaal ho gaye. kah rahe the kuchh samajhamen naheen a raha tha ki kidhar jaayan. itanemen teen pahaada़ee auraten sirapar ghaasaka gatthar liye ja rahee theen, unhonne kaha aage ghana jangal hai, aap vaapas jaayan. aage aapako aapaka raasta mil jaayagaa. ye vaapas aane lage, lekin phir muda़kar dekha to ve auraten vahaan naheen theen.

dhany hai maankee kripaa! pahaada़ee auratonke roopamen unhonne mere suhaagakee raksha kee. yadi maankee sachche manase pukaar kee jaay to ve avashy raksha karatee hain.

[ shreematee vidyaajee lakkada़ ]

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