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भक्त विमलतीर्थ  [आध्यात्मिक कहानी]
Shikshaprad Kahani - हिन्दी कहानी (Hindi Story)

एक नैष्ठिक भक्त पण्डित थे। भक्त विमलतीर्थ उनके ही पुत्र थे। पिताने बाल्यकालमें इन्हें यथाविधि यज्ञोपवीतादि संस्कारोंसे संस्कृत कर दिया। इनकी नानी बड़ी भक्तिमती थीं। उनके संसर्गमें आकर इनकी भक्ति अनुदिन भगवच्चरणोंमें बढ़ने लगी । समयपर इनका विवाह हो गया। इनकी पत्नी सुनयना तो मानो भक्तिकी प्रतिमूर्ति ही थीं। उनके संसर्गमें आकर विमलतीर्थजीका वैराग्य तथा उपासना पराकाष्ठाको हीपहुँच गयी। दोनोंने सलाहसे भगवदाराधन-व्रत ले लिया। तथापि सुनयनाने बाजी मार ली। उन्हें प्रथम भगवत्साक्षात्कार हो गया।

अब तो विमलतीर्थजीको और उत्साह हुआ। वे वनमें जाकर रहने लगे। अहर्निश भगवद्ध्यानमें प्रमत्त । अन्ततोगत्वा प्रभुने प्रकट होकर इन्हें गले लगा लिया। इन्होंने प्रभुसे विमल भक्तिका वर माँग लिया और सर्वदाके लिये पवित्र हो गये।



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bhakt vimalateertha

ek naishthik bhakt pandit the. bhakt vimalateerth unake hee putr the. pitaane baalyakaalamen inhen yathaavidhi yajnopaveetaadi sanskaaronse sanskrit kar diyaa. inakee naanee bada़ee bhaktimatee theen. unake sansargamen aakar inakee bhakti anudin bhagavachcharanonmen badha़ne lagee . samayapar inaka vivaah ho gayaa. inakee patnee sunayana to maano bhaktikee pratimoorti hee theen. unake sansargamen aakar vimalateerthajeeka vairaagy tatha upaasana paraakaashthaako heepahunch gayee. dononne salaahase bhagavadaaraadhana-vrat le liyaa. tathaapi sunayanaane baajee maar lee. unhen pratham bhagavatsaakshaatkaar ho gayaa.

ab to vimalateerthajeeko aur utsaah huaa. ve vanamen jaakar rahane lage. aharnish bhagavaddhyaanamen pramatt . antatogatva prabhune prakat hokar inhen gale laga liyaa. inhonne prabhuse vimal bhaktika var maang liya aur sarvadaake liye pavitr ho gaye.

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