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गंगास्नानका प्रत्यक्ष फल

अभी कुछ वर्ष पहले भारतसरकारने गंगाजीको राष्ट्रीय नदीके रूपमें घोषित किया, यह परम हर्षकी बात है। गंगाजीकी महिमाका शास्त्रोंमें जैसा वर्णन है, वे अक्षरशः वैसी ही हैं। इसी प्रसंगमें गंगाजीकी अनुकम्पासे मेरी धर्मपत्नीको जो अप्रत्याशित लाभ हुआ, वह इस प्रकार है

पिछले तीन वर्षोंसे मेरी धर्मपत्नीको मुँहमें छाले हो जानेसे असह्य पीड़ा थी। कई प्रसिद्ध डॉक्टरों, वैद्यों एवंहकीमोंसे इलाज करवाया; किंतु कोई लाभ नहीं हुआ। स्थिति ज्यों-की-त्यों बनी रही और वे तीन वर्षोंतक दूध, दलिया एवं उपमा-जैसे पदार्थोंका सेवनकर किसी तरह पेट भरती रहीं।

एक-एक दिन निकालना दुष्कर हो रहा था। कहते हैं कि 'हारे को हरिनाम'। संयोगवश १३ जून २००८ ई० को गंगादशमीका पर्व निकट था, तो हमने साहस करके हरिद्वारकी यात्रा करनेका निर्णयकिया और हरिद्वार पहुँचे, परंतु वहाँ मेरी पत्नीको बुखार आ गया। फलस्वरूप तीन दिनोंतक ज्वरके कारण वह स्नान नहीं कर पायी। चौथे दिन गंगादशमी थी और प्रभु प्रेरणा हुई कि इतनी दूर आये हैं तो गंगास्नान तो करना ही चाहिये। ज्वरकी परवाह न करके उसने भगवान्का स्मरणकर प्रेम और श्रद्धापूर्वक गंगा स्नान किया। फिर क्या था, करुणामयी माँ गंगाकी ऐसी कृपा हुई कि स्नानके पश्चात् मुँहकेछाले एकदम गायब हो गये एवं वह पूर्णरूपसे स्वस्थ हो गयी

यह उल्लेखनीय है कि तीन वर्षोंमें इलाजपर लाखों रुपये व्यय करके कुछ भी लाभ नहीं हुआ; परंतु गंगास्नानसे ऐसा चमत्कार हुआ, जो कि हमारे जीवनकी अविस्मरणीय घटना बन गयी।

इससे मेरे और मेरे परिजनोंमें गंगाजीके प्रतिश्रद्धाकी असीम वृद्धि हुई। [ श्रीरामकिशनजी गट्टानी ]



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gangaasnaanaka pratyaksh phala

abhee kuchh varsh pahale bhaaratasarakaarane gangaajeeko raashtreey nadeeke roopamen ghoshit kiya, yah param harshakee baat hai. gangaajeekee mahimaaka shaastronmen jaisa varnan hai, ve aksharashah vaisee hee hain. isee prasangamen gangaajeekee anukampaase meree dharmapatneeko jo apratyaashit laabh hua, vah is prakaar hai

pichhale teen varshonse meree dharmapatneeko munhamen chhaale ho jaanese asahy peeda़a thee. kaee prasiddh daॉktaron, vaidyon evanhakeemonse ilaaj karavaayaa; kintu koee laabh naheen huaa. sthiti jyon-kee-tyon banee rahee aur ve teen varshontak doodh, daliya evan upamaa-jaise padaarthonka sevanakar kisee tarah pet bharatee raheen.

eka-ek din nikaalana dushkar ho raha thaa. kahate hain ki 'haare ko harinaama'. sanyogavash 13 joon 2008 ee0 ko gangaadashameeka parv nikat tha, to hamane saahas karake haridvaarakee yaatra karaneka nirnayakiya aur haridvaar pahunche, parantu vahaan meree patneeko bukhaar a gayaa. phalasvaroop teen dinontak jvarake kaaran vah snaan naheen kar paayee. chauthe din gangaadashamee thee aur prabhu prerana huee ki itanee door aaye hain to gangaasnaan to karana hee chaahiye. jvarakee paravaah n karake usane bhagavaanka smaranakar prem aur shraddhaapoorvak ganga snaan kiyaa. phir kya tha, karunaamayee maan gangaakee aisee kripa huee ki snaanake pashchaat munhakechhaale ekadam gaayab ho gaye evan vah poornaroopase svasth ho gayee

yah ullekhaneey hai ki teen varshonmen ilaajapar laakhon rupaye vyay karake kuchh bhee laabh naheen huaa; parantu gangaasnaanase aisa chamatkaar hua, jo ki hamaare jeevanakee avismaraneey ghatana ban gayee.

isase mere aur mere parijanonmen gangaajeeke pratishraddhaakee aseem vriddhi huee. [ shreeraamakishanajee gattaanee ]

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