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चाक्षुष-उपनिषद्के पाठकी महिमा

मैं चाक्षुष-उपनिषद्का जप प्रतिदिन स्नान आदि से निवृत्त होकर नियमित रूपसे लगभग १२ वर्षोंसे कर रहा हूँ। पाठके प्रभावसे पासकी एवं दूरकी दृष्टि ठीक है। नेत्रोंमें कोई कष्ट भी नहीं है।मेरी आयु ८७ वर्ष है। मैं इस समय भी छोटे-मोटे सुई-धागा जैसे काम आसानीसे कर लेता हूँ। इस उपनिषद् के पाठसे मुझे आशातीत लाभ मिला है।

[ श्री ए०बी०एल० खरे ]



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Real Life Experience प्रभुकृपा


chaakshusha-upanishadke paathakee mahimaa

main chaakshusha-upanishadka jap pratidin snaan aadi se nivritt hokar niyamit roopase lagabhag 12 varshonse kar raha hoon. paathake prabhaavase paasakee evan doorakee drishti theek hai. netronmen koee kasht bhee naheen hai.meree aayu 87 varsh hai. main is samay bhee chhote-mote suee-dhaaga jaise kaam aasaaneese kar leta hoon. is upanishad ke paathase mujhe aashaateet laabh mila hai.

[ shree e0bee0ela0 khare ]

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गोविन्द नाम लेकर, फिर प्राण तन से
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सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
वृन्दावन धाम अपार, जपे जा राधे राधे,
राधे सब वेदन को सार, जपे जा राधे राधे।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
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मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
मेरी रसना से राधा राधा नाम निकले,
हर घडी हर पल, हर घडी हर पल।
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
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तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया
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होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
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ज़रा हटके ज़रा हटके ज़माने से देखो
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
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सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
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