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माधुर्यका रहस्य- केवल संग्रह मत करो  [Shikshaprad Kahani]
हिन्दी कथा - बोध कथा (हिन्दी कथा)

माधुर्यका रहस्य- केवल संग्रह मत करो

पथिकने सरितासे पूछा, 'सरिते! तू इतनी छोटी है, किंतु तेरा जल कितना मधुर तथा तृप्तिकारक है। और वह सागर इतना विशाल है, परन्तु उसका जल खारा है, इसका आखिर क्या रहस्य है ?' वेगवती सरिताको किसीकी बात सुननेकी फुरसत ही कहाँ थी। सरपट दौड़ते-हाँफते उसने इतना मात्र कहा, 'सागरसे ही जाकर पूछो।'
क्षितिजतक विस्तृत और गर्जन-तर्जन करनेवाले सागरके पास पथिक गया और उसने उससे वही प्रश्न किया। सागर बोला, 'पथिक, सुनो ध्यानसे। सरिता एक हाथसे लेती है, दूसरे हाथसे देती है। वह अपने पास एक पलके लिये भी कुछ नहीं रखती। दूसरोंको कुछ देनेके लिये ही वह दिन-रात दौड़ती रहती है, किंतु मैं सबसे केवल लेता हूँ, देता तनिक भी नहीं। यही कारण है कि मेरा संचित जल खारा है।'
पथिकने समझ लिया कि जो एक हाथसे लेता है और दूसरे हाथसे बाँट देता है, उसीके जीवनमें माधुर्य रहता है। संग्रह करनेवाले मनुष्यका जीवन नीरस बनकर रह जाता है। [ डॉ. श्रीकेशवानन्दजी ममगाई ]



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maadhuryaka rahasya- keval sangrah mat karo

maadhuryaka rahasya- keval sangrah mat karo

pathikane saritaase poochha, 'sarite! too itanee chhotee hai, kintu tera jal kitana madhur tatha triptikaarak hai. aur vah saagar itana vishaal hai, parantu usaka jal khaara hai, isaka aakhir kya rahasy hai ?' vegavatee saritaako kiseekee baat sunanekee phurasat hee kahaan thee. sarapat dauda़te-haanphate usane itana maatr kaha, 'saagarase hee jaakar poochho.'
kshitijatak vistrit aur garjana-tarjan karanevaale saagarake paas pathik gaya aur usane usase vahee prashn kiyaa. saagar bola, 'pathik, suno dhyaanase. sarita ek haathase letee hai, doosare haathase detee hai. vah apane paas ek palake liye bhee kuchh naheen rakhatee. doosaronko kuchh deneke liye hee vah dina-raat dauda़tee rahatee hai, kintu main sabase keval leta hoon, deta tanik bhee naheen. yahee kaaran hai ki mera sanchit jal khaara hai.'
pathikane samajh liya ki jo ek haathase leta hai aur doosare haathase baant deta hai, useeke jeevanamen maadhury rahata hai. sangrah karanevaale manushyaka jeevan neeras banakar rah jaata hai. [ daॉ. shreekeshavaanandajee mamagaaee ]

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