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मौन ही व्याख्यान है  [Story To Read]
आध्यात्मिक कथा - प्रेरक कथा (Shikshaprad Kahani)

मौन ही व्याख्यान है

एक लड़कीका पति आया है। वह अपने बराबरीके युवकोंके साथ बाहरवाले कमरेमें बैठा है। इधर वह लड़की और उसकी सहेलियाँ खिड़कीसे देख रही हैं। सहेलियाँ उसके पतिको नहीं पहचानतीं। वे उस लड़कीसे पूछ रही हैं- 'क्या वह तेरा पति है?' लड़की मुसकराकर कहती है—'नहीं!' एक दूसरे युवकको दिखलाकर वे पूछती हैं, 'क्या वह तेरा पति है?' वह फिर कहती है-'नहीं!' एक तीसरे युवकको दिखाकर वे फिर पूछती हैं, 'क्या वह तेरा पति है?' वह फिर कहती है-'नहीं!' अन्तमें उसके पतिकी ओर इशारा करके उन्होंने पूछा 'क्या वह तेरा पति है?' तब उसने 'हाँ' या 'नहीं' कुछ नहीं कहा; केवल मुसकरायी और चुप्पी साध ली। तब सहेलियोंने समझा कि वही इसका पति है।
ऐसे ही, जहाँ ठीक ब्रह्मज्ञान होता है, वहाँ सब चुप हो जाते हैं। वहाँ मौन ही व्याख्यान होता है और सारे संशय छिन्न-भिन्न हो जाते हैं। कहा भी गया है— 'जाने सो बोलै नहीं, बोलै सो अनजान।'



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maun hee vyaakhyaan hai

maun hee vyaakhyaan hai

ek lada़keeka pati aaya hai. vah apane baraabareeke yuvakonke saath baaharavaale kamaremen baitha hai. idhar vah lada़kee aur usakee saheliyaan khida़keese dekh rahee hain. saheliyaan usake patiko naheen pahachaanateen. ve us lada़keese poochh rahee hain- 'kya vah tera pati hai?' lada़kee musakaraakar kahatee hai—'naheen!' ek doosare yuvakako dikhalaakar ve poochhatee hain, 'kya vah tera pati hai?' vah phir kahatee hai-'naheen!' ek teesare yuvakako dikhaakar ve phir poochhatee hain, 'kya vah tera pati hai?' vah phir kahatee hai-'naheen!' antamen usake patikee or ishaara karake unhonne poochha 'kya vah tera pati hai?' tab usane 'haan' ya 'naheen' kuchh naheen kahaa; keval musakaraayee aur chuppee saadh lee. tab saheliyonne samajha ki vahee isaka pati hai.
aise hee, jahaan theek brahmajnaan hota hai, vahaan sab chup ho jaate hain. vahaan maun hee vyaakhyaan hota hai aur saare sanshay chhinna-bhinn ho jaate hain. kaha bhee gaya hai— 'jaane so bolai naheen, bolai so anajaana.'

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