⮪ All भक्त चरित्र

रसिक भक्त सरसमाधुरीजी की मार्मिक कथा
रसिक भक्त सरसमाधुरीजी की अधबुत कहानी - Full Story of रसिक भक्त सरसमाधुरीजी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [रसिक भक्त सरसमाधुरीजी]- भक्तमाल


अभी केवल कुछ ही दिनोंकी बात है। परम रसिक भक्त महात्मा सरसमाधुरीने भगवान्के रूप-लावण्य और सौन्दर्य-माधुर्यका चिन्तनकर राजस्थानमें श्रीराधा-कृष्णकी भक्तिका बड़ा प्रचार किया। केवल जयपुर ही नहीं, समस्त उत्तरी भारतकी भक्ति-चिन्तन-धारा उनके सरस पदों और लीला-चिन्तनसे प्रभावित हुई।

ग्वालियर राज्यके मन्दसौर ग्राममें सं0 1912 वि0 में सरसमाधुरीजीने जन्म लिया था। उनके पिताका नाम घासीराम और माताका पार्वती था। वे गौड़ ब्राह्मण थे। उनका परिवार अत्यन्त भगवद्भक्तिसम्पन्न था। पाँच वर्षकी अवस्थामें वे अपनी माताके साथ ननिहाल - अलवर आये। वहाँ बड़े-बड़े महात्माओं और साधु-संतोंके दर्शनने उनके हृदयमें श्रद्धा और भक्तिके बीज पूर्णरूपसे अंकुरित ही नहीं, प्रस्फुटित भी कर दिये।

उनके सत्सङ्गसे उनको बड़ा लाभ हुआ और मनमेंशुद्ध भगवत्प्रेमका उदय हुआ। माताकी आज्ञासे उन्होंने विवाह कर लिया और जीवनपर्यन्त गृहस्थ बने रहे। उनके दीक्षा गुरु श्रीबलदेवदासजी थे। सरसमाधुरीजी श्रीसम्प्रदायकी वैष्णवी निष्ठामें आस्था रखते थे। माधुर्यमिश्रित श्रृंगाररसकी उपासनाको भक्तिका सार तत्त्व समझते थे। उनके जीवनका अधिकांश समय जयपुरमें बीता ।

सरसमाधुरीजीकी उपास्य और सेव्य, अवतार-अवतारीसे परे स्वकीया परकीया भावरहित नित्य-पूर्ण किशोर अवस्थावाले द्विभुज राधा-कृष्णके नित्य-विहारमें ही प्रगाढ़ श्रद्धा थी। उनकी उपासनाके राधाकृष्ण निर्गुण-सगुणरूपसे परे सर्वथा दिव्य और अलौकिक हैं। उन्होंने राधा-कृष्ण लीला-विषयक अनेक पदोंकी रचना की है। सं0 1983 वि0 में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्षकी चतुर्दशीको उन्होंने स्वर्गकी यात्रा की। सरसमाधुरीजी वास्तवमें भगवद्भक्तिके माधुर्य गायक थे। उनका स्मरण परम पवित्र और मधुर है।



You may also like these:

Bhakt Charitra डाकू भगत


rasik bhakt sarasamaadhureejee ki marmik katha
rasik bhakt sarasamaadhureejee ki adhbut kahani - Full Story of rasik bhakt sarasamaadhureejee (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [rasik bhakt sarasamaadhureejee]- Bhaktmaal


abhee keval kuchh hee dinonkee baat hai. param rasik bhakt mahaatma sarasamaadhureene bhagavaanke roopa-laavany aur saundarya-maadhuryaka chintanakar raajasthaanamen shreeraadhaa-krishnakee bhaktika bada़a prachaar kiyaa. keval jayapur hee naheen, samast uttaree bhaaratakee bhakti-chintana-dhaara unake saras padon aur leelaa-chintanase prabhaavit huee.

gvaaliyar raajyake mandasaur graamamen san0 1912 vi0 men sarasamaadhureejeene janm liya thaa. unake pitaaka naam ghaaseeraam aur maataaka paarvatee thaa. ve gauda़ braahman the. unaka parivaar atyant bhagavadbhaktisampann thaa. paanch varshakee avasthaamen ve apanee maataake saath nanihaal - alavar aaye. vahaan bada़e-bada़e mahaatmaaon aur saadhu-santonke darshanane unake hridayamen shraddha aur bhaktike beej poornaroopase ankurit hee naheen, prasphutit bhee kar diye.

unake satsangase unako bada़a laabh hua aur manamenshuddh bhagavatpremaka uday huaa. maataakee aajnaase unhonne vivaah kar liya aur jeevanaparyant grihasth bane rahe. unake deeksha guru shreebaladevadaasajee the. sarasamaadhureejee shreesampradaayakee vaishnavee nishthaamen aastha rakhate the. maadhuryamishrit shrringaararasakee upaasanaako bhaktika saar tattv samajhate the. unake jeevanaka adhikaansh samay jayapuramen beeta .

sarasamaadhureejeekee upaasy aur sevy, avataara-avataareese pare svakeeya parakeeya bhaavarahit nitya-poorn kishor avasthaavaale dvibhuj raadhaa-krishnake nitya-vihaaramen hee pragaadha़ shraddha thee. unakee upaasanaake raadhaakrishn nirguna-sagunaroopase pare sarvatha divy aur alaukik hain. unhonne raadhaa-krishn leelaa-vishayak anek padonkee rachana kee hai. san0 1983 vi0 men maargasheersh shukl pakshakee chaturdasheeko unhonne svargakee yaatra kee. sarasamaadhureejee vaastavamen bhagavadbhaktike maadhury gaayak the. unaka smaran param pavitr aur madhur hai.

282 Views





Bhajan Lyrics View All

हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
सांवरियो है सेठ, म्हारी राधा जी सेठानी
यह तो जाने दुनिया सारी है
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
मेरी करुणामयी सरकार पता नहीं क्या दे
क्या दे दे भई, क्या दे दे
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
मोहे आन मिलो श्याम, बहुत दिन बीत गए।
बहुत दिन बीत गए, बहुत युग बीत गए ॥
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे दवार,
यहाँ से जो मैं हारा तो कहा जाऊंगा मैं
तीनो लोकन से न्यारी राधा रानी हमारी।
राधा रानी हमारी, राधा रानी हमारी॥
दिल लूटके ले गया नी सहेलियो मेरा
मैं तक्दी रह गयी नी सहेलियो लगदा बड़ा
सब हो गए भव से पार, लेकर नाम तेरा
नाम तेरा हरि नाम तेरा, नाम तेरा हरि नाम
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
सुबह सवेरे  लेकर तेरा नाम प्रभु,
करते है हम शुरु आज का काम प्रभु,
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
अपनी वाणी में अमृत घोल
अपनी वाणी में अमृत घोल
श्री राधा हमारी गोरी गोरी, के नवल
यो तो कालो नहीं है मतवारो, जगत उज्य
बाँस की बाँसुरिया पे घणो इतरावे,
कोई सोना की जो होती, हीरा मोत्यां की जो
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
बोल कान्हा बोल गलत काम कैसे हो गया,
बिना शादी के तू राधे श्याम कैसे हो गया
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥

New Bhajan Lyrics View All

हो मेला फागन दा,
औंदा है हर साल,
पिंडे उत्थे भस्म रमाई, गल सप्पां दी
हत्थ डमरुँ त्रिशूल उठाई, लेके आया बरात
जय माधव मदन मुरारी,
जय केशव कलीमल हारी,
वीणा वादीनी, ज्ञान की देवी,
अपने दया बरसा देना,
डाकिया दीजे दीजे बाबा ने सन्देश
क्यों नी आयो रे, क्यों नी आयो रे,