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मातारानीकी कृपा

इतना बड़ा संसार चल रहा है तो इसका संचालन कोई-न-कोई अद्भुत शक्ति ही कर रही है। हजारों वर्ष बीत गये, किंतु सूर्यदेव आज भी अनवरत अपने श्रम-पथपर चल रहे हैं। उसी तरह विश्व की आस्थाएँ भी अलग अलग हैं। सभी व्यक्तियोंके अपने-अपने उपास्य-आराध्य देव हैं। उनके नाम हैं। प्रतिमा, आस्था और विश्वास है।

मेरा भी बचपनसे माँ दुर्गा, माँ कालीपर आस्था एवं विश्वास अटल है। मुझे हर पल यह अनुभूति होती है कि माँकी वरद छाया मेरे साथ सदैव है, जो हर आपदासे मुझे बचाती, रक्षा करती है। संकट आते हैं और छूकर निकल जाते हैं।

मेरा मायका झाँसीमें एवं ससुराल जबलपुर में है। माता-पिताके आग्रहके कारण वर्षमें २-३ बार मेरा झाँसी जाना होता है। मैं जब भी झाँसी जाती हूँ तो कालीमाँके दर्शन करने अवश्य जाती हूँ।

हम पाँच बहन और एक भाई हैं। यह घटना ४० ४५ वर्ष पूर्वकी है। मेरी आयु इस समय ७६ वर्षकी हो रही है। एक बार मैं अपने दूसरे पुत्रके साथ झाँसी गयी थी। वहाँ माता कालीका भव्य एवं सिद्ध मन्दिर लक्ष्मी तालाबके किनारे स्थित है। जहाँ महारानी लक्ष्मीबाई अपने समयमें नित्य पूजन-अर्चनको आती थीं।

बचपनमें मैं माँके मन्दिर सुबह-शाम जाती थी । उस बार कुछ ऐसी व्यस्तता रही कि मैं एक भी बार मन्दिर नहीं जा पायी। जबलपुर वापस लौटनेके एक दिन पहले मैंने शामको मन्दिर जानेका कार्यक्रम बनाया। मैं मन्दिर जानेके लिये निकल ही रही थी कि मेरा भाई आ गया। 'दीदी! आप कहाँ जा रही हैं? आपको आज सारिका दीदीके यहाँ चलना है। आंटीजीने आपको बुलाया है, बहुत याद कर रही हैं।'

मैंने कहा- 'भैया ! अब तो चलना नहीं होगा; क्योंकि मुझे काली माँसे मिलने अवश्य जाना है, अन्यथा माँ कहेंगी कि 'लड़की इतने दिन मायके रह गयी और मुझसे मिलनेका समय नहीं मिला इसको।' भैया! मैंआंटीजीसे अगली बार मिल लूँगी। इस बार तुम मेरी तरफसे क्षमा माँग लेना।'

भाई जिद करने लगा कि 'दीदी! चलो न! मैं लौटकर मन्दिर अवश्य ले चलूँगा ।'मैं भाईकी बात नहीं काट पायी, पर मेरे मनमेंदुविधा एवं अपराधबोध बहुत था कि माँसे अभी तक नहीं मिली थी।

जब मैं जाने लगी तो मेरी छोटी बहिनने कहा 'दीदी! चुन्नू (मेरा छोटा पुत्र) को भी लेती जाइये, वह भी घूम आयेगा', पर न जाने क्यों मैंने उसके आग्रहको नहीं माना एवं बेटेको घरपर ही छोड़ गयी।

स्कूटरपर बैठी-बैठी मैं माँका स्मरण ही करती रही और तभी झोकनबाग अस्पतालके पास एक ट्रक सामनेसे आया और हम दोनों बाल-बाल बचे।

अब मैं माँसे प्रार्थना करने लगी कि 'माँ! मेरे साथ मेरे माता-पिताका इकलौता चिराग है, उसकी रक्षा करना।' भाई स्कूटर धीमे एवं सुरक्षित चला रहा था। तभी हम लोग कचहरी चौराहेपर पहुँचे, जहाँ अचानक एक ट्रक गलत दिशासे आ गया। भयानक आवाज हुई।

जब मुझे होश आया तो मेरे मुँहसे निकला 'भैया!' औरमेरे भाईको होश आया तो उसके मुखसे निकला 'दीदी !' चौराहेपर भीड़ जमा हो गयी। स्कूटर ट्रकके चक्केके नीचे दबा था, पर हम भाई-बहिनको कोई खरोंच भी नहीं थी। हम दूर जा गिरे थे। सामने भाई दोस्तकी दुकान थी। वह हम लोगोंको अपनी दुकानमें ले गया। हमें पानी दिया फिर कॉफी पिलायी।

कुछ देर बाद मैं वहाँसे ऑटोसे आंटीसे मिलने गयी। वे भी ईश्वरको बहुत-बहुत धन्यवाद देने लगीं। वहाँसे लौटकर मैं माँ कालीसे मिलने गयी। उन्हें प्रणाम किया। क्षमा माँगी और माँको धन्यवाद भी दिया कि वे कैसे अपनी बेटीकी सदा रक्षा करती हैं। आज भी कर रही हैं। जय माता दी ! [ श्रीमती शीलजी अग्रवाल ]



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maataaraaneekee kripaa

itana baड़a sansaar chal raha hai to isaka sanchaalan koee-na-koee adbhut shakti hee kar rahee hai. hajaaron varsh beet gaye, kintu sooryadev aaj bhee anavarat apane shrama-pathapar chal rahe hain. usee tarah vishv kee aasthaaen bhee alag alag hain. sabhee vyaktiyonke apane-apane upaasya-aaraadhy dev hain. unake naam hain. pratima, aastha aur vishvaas hai.

mera bhee bachapanase maan durga, maan kaaleepar aastha evan vishvaas atal hai. mujhe har pal yah anubhooti hotee hai ki maankee varad chhaaya mere saath sadaiv hai, jo har aapadaase mujhe bachaatee, raksha karatee hai. sankat aate hain aur chhookar nikal jaate hain.

mera maayaka jhaanseemen evan sasuraal jabalapur men hai. maataa-pitaake aagrahake kaaran varshamen 2-3 baar mera jhaansee jaana hota hai. main jab bhee jhaansee jaatee hoon to kaaleemaanke darshan karane avashy jaatee hoon.

ham paanch bahan aur ek bhaaee hain. yah ghatana 40 45 varsh poorvakee hai. meree aayu is samay 76 varshakee ho rahee hai. ek baar main apane doosare putrake saath jhaansee gayee thee. vahaan maata kaaleeka bhavy evan siddh mandir lakshmee taalaabake kinaare sthit hai. jahaan mahaaraanee lakshmeebaaee apane samayamen nity poojana-archanako aatee theen.

bachapanamen main maanke mandir subaha-shaam jaatee thee . us baar kuchh aisee vyastata rahee ki main ek bhee baar mandir naheen ja paayee. jabalapur vaapas lautaneke ek din pahale mainne shaamako mandir jaaneka kaaryakram banaayaa. main mandir jaaneke liye nikal hee rahee thee ki mera bhaaee a gayaa. 'deedee! aap kahaan ja rahee hain? aapako aaj saarika deedeeke yahaan chalana hai. aanteejeene aapako bulaaya hai, bahut yaad kar rahee hain.'

mainne kahaa- 'bhaiya ! ab to chalana naheen hogaa; kyonki mujhe kaalee maanse milane avashy jaana hai, anyatha maan kahengee ki 'lada़kee itane din maayake rah gayee aur mujhase milaneka samay naheen mila isako.' bhaiyaa! mainaanteejeese agalee baar mil loongee. is baar tum meree taraphase kshama maang lenaa.'

bhaaee jid karane laga ki 'deedee! chalo na! main lautakar mandir avashy le chaloonga .'main bhaaeekee baat naheen kaat paayee, par mere manamenduvidha evan aparaadhabodh bahut tha ki maanse abhee tak naheen milee thee.

jab main jaane lagee to meree chhotee bahinane kaha 'deedee! chunnoo (mera chhota putra) ko bhee letee jaaiye, vah bhee ghoom aayegaa', par n jaane kyon mainne usake aagrahako naheen maana evan beteko gharapar hee chhoda़ gayee.

skootarapar baithee-baithee main maanka smaran hee karatee rahee aur tabhee jhokanabaag aspataalake paas ek trak saamanese aaya aur ham donon baala-baal bache.

ab main maanse praarthana karane lagee ki 'maan! mere saath mere maataa-pitaaka ikalauta chiraag hai, usakee raksha karanaa.' bhaaee skootar dheeme evan surakshit chala raha thaa. tabhee ham log kachaharee chauraahepar pahunche, jahaan achaanak ek trak galat dishaase a gayaa. bhayaanak aavaaj huee.

jab mujhe hosh aaya to mere munhase nikala 'bhaiyaa!' auramere bhaaeeko hosh aaya to usake mukhase nikala 'deedee !' chauraahepar bheeda़ jama ho gayee. skootar trakake chakkeke neeche daba tha, par ham bhaaee-bahinako koee kharonch bhee naheen thee. ham door ja gire the. saamane bhaaee dostakee dukaan thee. vah ham logonko apanee dukaanamen le gayaa. hamen paanee diya phir kaॉphee pilaayee.

kuchh der baad main vahaanse ऑtose aanteese milane gayee. ve bhee eeshvarako bahuta-bahut dhanyavaad dene lageen. vahaanse lautakar main maan kaaleese milane gayee. unhen pranaam kiyaa. kshama maangee aur maanko dhanyavaad bhee diya ki ve kaise apanee beteekee sada raksha karatee hain. aaj bhee kar rahee hain. jay maata dee ! [ shreematee sheelajee agravaal ]

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