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सरल हृदयकी प्रार्थना भगवान् सुनते हैं

कुछ दिनों पहले हमारे एक सम्बन्धी कुछ अस्वस्थ थे। मानसिक दुर्बलताने उनको इतना अधिक ग्रस्त कर लिया था कि वे अक्सर घरसे भाग जानेकी धमकियाँ दिया करते थे। एक दिन सुबह सात बजे वे नित्यकी भाँति टहलनेके लिये निकले और शामतक घर नहीं लौटे। उनके परिवारवाले अत्यन्त चिन्तित हो उठे। रात्रिके साढ़े सात बजे उनके दो-तीन निकटके सम्बन्धी अपने अन्य रिश्तेदारों और परिचितोंके घर पता लगाते हुए हमारे घर भी आये। उनकी घबराहट एवं अधीरताका हमारे घरके सभी सदस्योंपर प्रभाव पड़ा। घरका वातावरण अशान्त-सा हो उठा। उन लोगोंकी उद्विग्नताने मेरी पाँच वर्षकी तथा साढ़े छः वर्षकी दो पुत्रियोंको बहुत प्रभावित किया। उन लोगोंके जानेके बाद दोनों पुत्रियोंने प्रश्नोंकी झड़ी लगा दी। मैंने उनकी उत्सुकताको शान्त करनेके लिये सारी बातें बतला दीं। जो सज्जन घरसे निकले थे, वे दूरके रिश्तेमें बच्चियोंके मौसा लगते थे। पूरी बात सुनकर दोनों बहनें बहुत ही चिन्तित हो उठीं। बड़ी लड़कीने उनके घरवालोंकी मनःस्थिति और व्यथाका भी अनुभव किया और कहने लगी- 'मेरा मन करता है कि मैं मौसाजीके घर चली जाऊँ और उन लोगों से कह दूँ कि तुम लोग दुःख मत करो, भगवान्‌का नाम लो, मौसाजी आ जायँगे।' पर उनका घर काफी दूर होनेसे यह सम्भव नहीं था और उचित भी नहीं था। इन नन्ही-नन्ही बच्चियोंकी बात उस चिन्तातुर घरमें कौन सुनता। वास्तवमें जितनी गम्भीरता और वेदनाके साथ मेरी बच्चियोंने इस घटनाको महसूस किया था, उतनी संवेदना तो मेरे भी हृदयमें नहीं थी। मैंने उनको इस चिन्तासे मुक्त करनेके लिये कहा- 'अच्छा, छोड़ो इस बातको । अब चलो, तुम दोनों खाना खाकर सो जाओ।' पर उन दोनोंने भोजन करनेकी अनिच्छा प्रकट की तथा सोनेसे इनकार कर दिया। उन्हें वहीं छोड़ मैं कुछ कार्यवश दूसरे कमरे में चली

गयी। कुछ देर बाद जब मैं लौटी तो वहाँका दृश्य देखकरअवाक् रह गयी। दोनों बहिनें हाथ जोड़कर आँखें बन्द किये बैठी थीं और भगवान्से प्रार्थना कर रही थीं कि मौसाजी शीघ्र लौट आयें। छोटी लड़की जो अपने नटखटपन और उच्छृंखलता के लिये प्रसिद्ध है, उसकी आँखोंसे अविरल अश्रुधारा बह रही थी। उस अत्यन्त चपला बालिकाका यह रूप देखकर मैं चकित रह गयी कि जो लड़की क्षणभरके लिये भी शान्त नहीं बैठ सकती और हमेशा अपने समवयस्कोंके साथ लड़ती-झगड़ती रहती है, उसके हृदयमें कितना दर्द, कितनी संवेदना, कितनी सहानुभूति और ईश्वरके प्रति कितनी अपार श्रद्धा और अगाध विश्वास है। उसने मुझसे भी अपनी प्रार्थनामें सम्मिलित होनेके लिये कहा। हमारे परिवार में भजन-पूजन बहुत कम किया जाता है; किंतु उसके अनुरोधको मैं भी अस्वीकार न कर सकी।

कुछ देर बार समझा-बुझाकर मैंने दोनों बालिकाओंको सो जानेके लिये राजी कर लिया। दोनों बालिकाएँ यह विश्वास अपने हृदयमें सँजोये कि 'भगवान्ने अवश्य उनकी प्रार्थना सुन ली है,' सो गयीं।

दूसरे दिन यह जानकर बड़ा आश्चर्य हुआ कि वे हुए सम्बन्धी रात्रिके आठ बजे अपने घर स्वयं खोये ही लौट आये थे। अर्धचेतनाकी अवस्थामें उन्होंने घरमें प्रवेश किया और आते ही मूर्छित होकर गिर पड़े। कुछ समय बाद चेतना लौटनेपर उन्होंने बतलाया कि वे तो कभी न लौटनेका निश्चय कर चुके थे; किंतु फिर भी वे कैसे घर आ गये, यह उन्हें स्वयं भी ज्ञात नहीं था।

इस घटनाने मुझे यह सोचनेको बाध्य कर दिया कि आखिर वह कौन-सी अदृश्य शक्ति थी, जो उन्हें वहाँ खींच लायी थी, किसके संकेतोंपर चलकर वे उस अर्धचेतनावस्थामें भी घर लौट आये थे मेरा विश्वास है कि उस विश्व-नियन्ताने सचमुच इन अबोध बालिकाओंकी सरल, निश्छल एवं करुणासे ओत-प्रोत पुकार सुन ली थी

[ श्रीमती प्रमिलाजी केजड़ीवाल ]



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saral hridayakee praarthana bhagavaan sunate hain

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kuchh der baar samajhaa-bujhaakar mainne donon baalikaaonko so jaaneke liye raajee kar liyaa. donon baalikaaen yah vishvaas apane hridayamen sanjoye ki 'bhagavaanne avashy unakee praarthana sun lee hai,' so gayeen.

doosare din yah jaanakar bada़a aashchary hua ki ve hue sambandhee raatrike aath baje apane ghar svayan khoye hee laut aaye the. ardhachetanaakee avasthaamen unhonne gharamen pravesh kiya aur aate hee moorchhit hokar gir pada़e. kuchh samay baad chetana lautanepar unhonne batalaaya ki ve to kabhee n lautaneka nishchay kar chuke the; kintu phir bhee ve kaise ghar a gaye, yah unhen svayan bhee jnaat naheen thaa.

is ghatanaane mujhe yah sochaneko baadhy kar diya ki aakhir vah kauna-see adrishy shakti thee, jo unhen vahaan kheench laayee thee, kisake sanketonpar chalakar ve us ardhachetanaavasthaamen bhee ghar laut aaye the mera vishvaas hai ki us vishva-niyantaane sachamuch in abodh baalikaaonkee saral, nishchhal evan karunaase ota-prot pukaar sun lee thee

[ shreematee pramilaajee kejada़eevaal ]

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