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परमात्माका वास  [प्रेरक कथा]
Story To Read - प्रेरक कहानी (छोटी सी कहानी)

परमात्माका वास

एक युवक घर-गृहस्थीसे दुखी होकर अपने परिवारको छोड़कर निकल पड़ा। वह एक महात्माके पास पहुँचा और बोला- 'मैं अपना परिवार छोड़कर आ गया हूँ। अब मैं माया-मोहके बन्धनमें नहीं फँसना चाहता हूँ। मैं परमात्माकी तलाश करना चाहता हूँ । कृपया मुझे मार्गदर्शन दें।' इसपर महात्मा क्रोधित होते हुए बोले 'मूर्ख, परमात्मा तो तेरे घरमें बैठे हुए हैं, जिन्हें तू छोड़कर आ गया है। जबतक तू उनकी सेवा नहींकरेगा, तेरा कल्याण नहीं हो सकता। जा, पहले परिवारको सँभाल, उनके प्रति अपने कर्तव्य पूरे कर। अध्यात्म भगोड़ोंकी नहीं, शूरवीरोंकी मदद करता है। परिवारमें रहते हुए भी तेरी साधना पूरी हो सकती है। यदि त्याग ही करना है, तो अपने भीतरके विकारोंका त्याग कर। बुरे विचारोंका त्याग कर।'
अपने कर्तव्योंसे भागनेसे ईश्वरकी प्राप्ति कदापि नहीं हो सकती।



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paramaatmaaka vaasa

paramaatmaaka vaasa

ek yuvak ghara-grihastheese dukhee hokar apane parivaarako chhoda़kar nikal pada़aa. vah ek mahaatmaake paas pahuncha aur bolaa- 'main apana parivaar chhoda़kar a gaya hoon. ab main maayaa-mohake bandhanamen naheen phansana chaahata hoon. main paramaatmaakee talaash karana chaahata hoon . kripaya mujhe maargadarshan den.' isapar mahaatma krodhit hote hue bole 'moorkh, paramaatma to tere gharamen baithe hue hain, jinhen too chhoda़kar a gaya hai. jabatak too unakee seva naheenkarega, tera kalyaan naheen ho sakataa. ja, pahale parivaarako sanbhaal, unake prati apane kartavy poore kara. adhyaatm bhagoda़onkee naheen, shooraveeronkee madad karata hai. parivaaramen rahate hue bhee teree saadhana pooree ho sakatee hai. yadi tyaag hee karana hai, to apane bheetarake vikaaronka tyaag kara. bure vichaaronka tyaag kara.'
apane kartavyonse bhaaganese eeshvarakee praapti kadaapi naheen ho sakatee.

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