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समझदारी  [Story To Read]
Spiritual Story - हिन्दी कथा (Shikshaprad Kahani)

समझदारी

किसी जंगलमें एक शेर रहता था। एक भेड़िया और एक लोमड़ी दोनों उसकी सेवामें उपस्थित रहते और उसके बचे-बचायेसे अपना पेट भर लेते थे। एक दिन शेरने शिकार मारकर भेडियेको इशारा किया- 'तू हममें इसे बाँट दे।'
भेड़ियेने तीन बराबर भागकर प्रत्येकको उसका एक भाग दे दिया। शेरने यह समानता देखकर भेड़ियेको ऐसा तमाचा मारा कि उसका सिर अलग जा पड़ा। फिर लोमड़ीसे कहा- 'यह गोश्त हम दोनोंमें बाँट दे।'
लोमड़ीने सबका सब शेरके आगे रख दिया। शेरने पूछा- 'यह शिष्टाचार तूने कहाँसे सीखा ?"
लोमड़ी बोली- 'उस भेड़ियेके मारे जानेसे।'



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samajhadaaree

samajhadaaree

kisee jangalamen ek sher rahata thaa. ek bheda़iya aur ek lomada़ee donon usakee sevaamen upasthit rahate aur usake bache-bachaayese apana pet bhar lete the. ek din sherane shikaar maarakar bhediyeko ishaara kiyaa- 'too hamamen ise baant de.'
bheda़iyene teen baraabar bhaagakar pratyekako usaka ek bhaag de diyaa. sherane yah samaanata dekhakar bheda़iyeko aisa tamaacha maara ki usaka sir alag ja pada़aa. phir lomada़eese kahaa- 'yah gosht ham dononmen baant de.'
lomada़eene sabaka sab sherake aage rakh diyaa. sherane poochhaa- 'yah shishtaachaar toone kahaanse seekha ?"
lomada़ee bolee- 'us bheda़iyeke maare jaanese.'

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