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भक्त भीम कुम्हार और उसकी पत्नी की मार्मिक कथा
भक्त भीम कुम्हार और उसकी पत्नी की अधबुत कहानी - Full Story of भक्त भीम कुम्हार और उसकी पत्नी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [भक्त भीम कुम्हार और उसकी पत्नी]- भक्तमाल


दक्षिणमें वेंकटाचलके समीप कूर्मग्राममें एक कुम्हार रहता था। उसका नाम था भीम। वह भगवान्का बड़ा भक्त था। साधारण लोगोंको उसकी भाव-भक्तिका कुछ भी पता नहीं था। परन्तु अन्तर्यामी वेंकटनाथ उसकी प्रत्येक सेवा बड़ी प्रसन्नताके साथ स्वीकार करते थे। कुम्हार और उसकी पत्नी दोनों भगवान् श्रीनिवासके अनन्य भक्त थे।

इन्हीं दिनों भक्तप्रवर महाराज तोण्डमान प्रतिदिन भगवान् श्रीनिवासकी पूजा सुवर्णमय कमल- -पुष्पोंसे किया करते थे। एक दिन उन्होंने देखा, भगवान्‌के ऊपर मिट्टीके बने हुए कमल तथा तुलसीपुष्प चढ़े हुए हैं। इससे विस्मित होकर राजाने पूछा- 'भगवन्! ये मिट्टीके कमल और तुलसीपुष्प चढ़ाकर कौन आपकी पूजा करता है?' भगवान्ने कहा- 'कूर्मग्राममें एक कुम्हार है, जो मुझमें बड़ी भक्ति रखता है। वह अपने घरमें बैठकर मेरी पूजा करता है और मैं उसकी प्रत्येक सेवा स्वीकार करता हूँ।'

राजा तोण्डमानके हृदयमें भगवद्भक्तोंके प्रति बड़े आदरका भाव था। वे उस भक्तशिरोमणि कुम्हारका दर्शन करनेके लिये स्वयं उसके घरपर गये। राजाको आया देख कुम्हार उन्हें प्रणाम करके हाथ जोड़कर खड़ा हुआ। राजाने कहा- 'भीम ! तुम अपने कुलमें सबसेश्रेष्ठ हो; क्योंकि तुम्हारे हृदयमें भगवान् श्रीनिवासके प्रति परम पावन अनन्य भक्तिका उदय हुआ है। मैं तुम्हारा दर्शन करने आया हूँ। बताओ, तुम भगवान्की पूजा किस प्रकार करते हो?"

कुम्हार बोला- 'महाराज! मैं क्या जानूँ, भगवान्की पूजा कैसे की जाती है। भला, आपसे किसने कह दिया कि कुम्हार पूजा करता है?'

राजाने कहा - 'स्वयं भगवान् श्रीनिवासने तुम्हारे पूजनकी बात बतायी है।'

राजाके इतना कहते ही कुम्हारकी सोयी हुई स्मृति जाग उठी। वह बोला- 'महाराज ! पूर्वकालमें भगवान् वेंकटनाथने मुझे वरदान दिया था कि 'जब तुम्हारी की हुई पूजा प्रकाशित हो जायगी और जब राजा तोण्डमान तुम्हारे द्वारपर आ जायँगे तथा उनके साथ तुम्हारा वार्तालाप होगा, उसी समय तुम्हें परमधामकी प्राप्ति होगी।' उसकी यह बात पूर्ण होते ही आकाशसे एक दिव्य विमान उतर आया। उसके ऊपर साक्षात् भगवान् विष्णु विराजमान थे। कुम्हार और उसकी पत्नीने भगवान्‌को प्रणाम करते हुए प्राण त्याग दिये तथा राजाके देखते-देखते वे दोनों दिव्य रूप धारण करके विमानपर जा बैठे। विमान उन्हें लेकर परमधाम वैकुण्ठको चला गया।



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dakshinamen venkataachalake sameep koormagraamamen ek kumhaar rahata thaa. usaka naam tha bheema. vah bhagavaanka bada़a bhakt thaa. saadhaaran logonko usakee bhaava-bhaktika kuchh bhee pata naheen thaa. parantu antaryaamee venkatanaath usakee pratyek seva baड़ee prasannataake saath sveekaar karate the. kumhaar aur usakee patnee donon bhagavaan shreenivaasake anany bhakt the.

inheen dinon bhaktapravar mahaaraaj tondamaan pratidin bhagavaan shreenivaasakee pooja suvarnamay kamala- -pushponse kiya karate the. ek din unhonne dekha, bhagavaan‌ke oopar mitteeke bane hue kamal tatha tulaseepushp chadha़e hue hain. isase vismit hokar raajaane poochhaa- 'bhagavan! ye mitteeke kamal aur tulaseepushp chadha़aakar kaun aapakee pooja karata hai?' bhagavaanne kahaa- 'koormagraamamen ek kumhaar hai, jo mujhamen bada़ee bhakti rakhata hai. vah apane gharamen baithakar meree pooja karata hai aur main usakee pratyek seva sveekaar karata hoon.'

raaja tondamaanake hridayamen bhagavadbhaktonke prati bada़e aadaraka bhaav thaa. ve us bhaktashiromani kumhaaraka darshan karaneke liye svayan usake gharapar gaye. raajaako aaya dekh kumhaar unhen pranaam karake haath joda़kar khada़a huaa. raajaane kahaa- 'bheem ! tum apane kulamen sabaseshreshth ho; kyonki tumhaare hridayamen bhagavaan shreenivaasake prati param paavan anany bhaktika uday hua hai. main tumhaara darshan karane aaya hoon. bataao, tum bhagavaankee pooja kis prakaar karate ho?"

kumhaar bolaa- 'mahaaraaja! main kya jaanoon, bhagavaankee pooja kaise kee jaatee hai. bhala, aapase kisane kah diya ki kumhaar pooja karata hai?'

raajaane kaha - 'svayan bhagavaan shreenivaasane tumhaare poojanakee baat bataayee hai.'

raajaake itana kahate hee kumhaarakee soyee huee smriti jaag uthee. vah bolaa- 'mahaaraaj ! poorvakaalamen bhagavaan venkatanaathane mujhe varadaan diya tha ki 'jab tumhaaree kee huee pooja prakaashit ho jaayagee aur jab raaja tondamaan tumhaare dvaarapar a jaayange tatha unake saath tumhaara vaartaalaap hoga, usee samay tumhen paramadhaamakee praapti hogee.' usakee yah baat poorn hote hee aakaashase ek divy vimaan utar aayaa. usake oopar saakshaat bhagavaan vishnu viraajamaan the. kumhaar aur usakee patneene bhagavaan‌ko pranaam karate hue praan tyaag diye tatha raajaake dekhate-dekhate ve donon divy roop dhaaran karake vimaanapar ja baithe. vimaan unhen lekar paramadhaam vaikunthako chala gayaa.

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