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महर्षि कश्यप की मार्मिक कथा
महर्षि कश्यप की अधबुत कहानी - Full Story of महर्षि कश्यप (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [महर्षि कश्यप]- भक्तमाल


इतिहासपुराणानि तथाख्यानानि यानि च।
महात्मनां च चरितं श्रोतव्यं नित्यमेव च ॥

समस्त लोकोंके पितामह भगवान् ब्रह्माने ही इस चराचर सृष्टिको उत्पन्न किया है। सृष्टिकी इच्छासे उन्होंने छः मानसिक पुत्र उत्पन्न किये जिनके नाम मरीचि, अत्रि, अंगिरा, पुलस्त्य, पुलह और क्रतु हैं। मरीचिके पुत्र कश्यप हुए। दक्ष प्रजापतिने अपनी तेरह कन्याओंका विवाह इनके साथ कर दिया। उनके नाम ये हैं अदिति, दिति, दनु, काला, दनायु, सिंहिका, क्रोधा, प्राधा, विश्वा, विनता, कपिला, मनु और कद्र । इन सबकी इतनी सन्तानें हुई कि उन्होंने यह सम्पूर्ण सृष्टि भर गयी। अदितिसे समस्त देवता तथा बारह आदित्य हुए। सभी दैत्य दितिके पुत्र हैं। दनुके दानव हुए काला और दनायुके भी दानव ही हुए। सिंहिकासे सिंह- व्याघ्र हुए। क्रोधाके क्रोध करनेवाले असुर हुए। विनताके गरुड, अरुण आदि छः पुत्र हुए। कद्रूके सर्प, नाग आदि हुए। मनुसे समस्त मनुष्य उत्पन्न हुए। इस प्रकार समस्त स्थावरजङ्गम, पशु-पक्षी, देवता-दैत्य,| मनुष्य-हम सब सगे भाई हैं। एक कश्यपभगवान्‌की ही हम सन्तान हैं। वृक्ष, पशु, पक्षी-हम सब कश्यपगोत्री ही हैं।

इन तेरह कन्याओंमें 'अदिति' भगवान् कश्यपकी सबसे प्यारी पत्नी थीं। उन्हींसे इन्द्रादि समस्त देवता हुए और भगवान् वामनने भी इन्हींके यहाँ अवतार लिया। इनका तप अनन्त है, इनकी भगवद्भक्ति अटूट है। ये दम्पती भगवानके परम प्रिय हैं तीन बार भगवाने इनके घरमें अवतार लिया। अदिति और कश्यपके महातपके प्रभाव से ही जीवोंको निर्गुण भगवान्‌के सगुणरूपमें दर्शन हो सके।

कस्यप अदिति महातप कीन्हा तिन्ह कहुँ मैं पूरव वर दीन्हा ॥ भगवान् जिनके पुत्र बने, उनके विषयमें अधिक क्या कहा जा सकता है? भगवान् कश्यपकी पुराणों में बहुत-सी कथाएँ हैं। यहाँ उनके सम्बन्धमें इतना ही कहना पर्याप्त होगा कि ये महानुभाव अपने भक्तिबलसे भगवान्‌को निर्गुणसे सगुण-साकार बनानेवाले हैं तथा हम सब जीवोंके आदि-पिता हैं।



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itihaasapuraanaani tathaakhyaanaani yaani cha.
mahaatmanaan ch charitan shrotavyan nityamev ch ..

samast lokonke pitaamah bhagavaan brahmaane hee is charaachar srishtiko utpann kiya hai. srishtikee ichchhaase unhonne chhah maanasik putr utpann kiye jinake naam mareechi, atri, angira, pulasty, pulah aur kratu hain. mareechike putr kashyap hue. daksh prajaapatine apanee terah kanyaaonka vivaah inake saath kar diyaa. unake naam ye hain aditi, diti, danu, kaala, danaayu, sinhika, krodha, praadha, vishva, vinata, kapila, manu aur kadr . in sabakee itanee santaanen huee ki unhonne yah sampoorn srishti bhar gayee. aditise samast devata tatha baarah aadity hue. sabhee daity ditike putr hain. danuke daanav hue kaala aur danaayuke bhee daanav hee hue. sinhikaase sinha- vyaaghr hue. krodhaake krodh karanevaale asur hue. vinataake garud, arun aadi chhah putr hue. kadrooke sarp, naag aadi hue. manuse samast manushy utpann hue. is prakaar samast sthaavarajangam, pashu-pakshee, devataa-daity,| manushya-ham sab sage bhaaee hain. ek kashyapabhagavaan‌kee hee ham santaan hain. vriksh, pashu, pakshee-ham sab kashyapagotree hee hain.

in terah kanyaaonmen 'aditi' bhagavaan kashyapakee sabase pyaaree patnee theen. unheense indraadi samast devata hue aur bhagavaan vaamanane bhee inheenke yahaan avataar liyaa. inaka tap anant hai, inakee bhagavadbhakti atoot hai. ye dampatee bhagavaanake param priy hain teen baar bhagavaane inake gharamen avataar liyaa. aditi aur kashyapake mahaatapake prabhaav se hee jeevonko nirgun bhagavaan‌ke sagunaroopamen darshan ho sake.

kasyap aditi mahaatap keenha tinh kahun main poorav var deenha .. bhagavaan jinake putr bane, unake vishayamen adhik kya kaha ja sakata hai? bhagavaan kashyapakee puraanon men bahuta-see kathaaen hain. yahaan unake sambandhamen itana hee kahana paryaapt hoga ki ye mahaanubhaav apane bhaktibalase bhagavaan‌ko nirgunase saguna-saakaar banaanevaale hain tatha ham sab jeevonke aadi-pita hain.

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