⮪ All Stories / कथा / कहानियाँ

परधर्मसहिष्णुताकी विजय  [Wisdom Story]
हिन्दी कथा - शिक्षदायक कहानी (हिन्दी कथा)

शिवाजी अपने तंबू में बैठे सेनानी माधव भामलेकरके आनेकी चिन्तापूर्ण प्रतीक्षा कर रहे थे। इसी बीच हाथमें एक ग्रन्थ लिये सेनानी पहुँचे। उनके पीछे एक डोला लिये दो सैनिक आये। डोला रखकर वे चले गये।

सेनानीने प्रसन्नमुद्रासे कहा- 'छत्रपते! आज मुगलसेना दूरतक खदेड़ दी गयी। बेचारा बहलोल जान लेकर भागा। अब ताकत नहीं कि मुगल सेना यहाँ पुनः पैर रख सके।'

शिवाजीने डोलेकी ओर देखते हुए गम्भीरतापूर्वक पूछा- 'यह क्या है ?'

अट्टहास करते हुए सेनानीने कहा- इसमें मुसलिम रमणियोंमें सुन्दरताके लिये प्रसिद्ध बहलोलकी बेगम है, जो महाराजको भेट करनेके लिये लायी गयी है और यह मेरे हाथका कुरान लीजिये। हमारी हिंदू-संस्कृति से खिलवाड़ करनेवालोंका जी भरकर प्रतिशोध लीजिये।

शिवाजीने कुरान लेकर चूम लिया और डोलेके पास आकर पर्दा हटाया और बहलोलकी बेगमको बाहर आनेको कहा। उसको ऊपरसे नीचेतक निहारकर कहा- ' सचमुच तू बड़ी ही सुन्दर है। अफसोस है कि मैं तेरे पेटसे पैदा नहीं हुआ, नहीं तो मैं भी कुछ सुन्दरता पा जाता।'

उन्होंने अपने एक अन्य अधिकारीको आदेश दिया कि ससम्मान और पूरी सुरक्षाके साथ बेगम तथा कुरान शरीफको बहलोलखाँको जाकर सौंप आइये।

फिर शिवाजीने सेनानीको फटकारा-'सेनापते ! आप मेरे साथ इतने दिन रहे, पर मुझे नहीं पहचानसके। हम वीर हैं; वीरकी यह परिभाषा नहीं कि अबलाओंपर प्रहार करें, उनका सतीत्व लूटें और धर्मग्रन्थोंकी होली जलायें। किसीकी संस्कृति नष्ट करना कायरता है। ऐसे कायरोंका शीघ्र अन्त हो जाता है। परधर्मसहिष्णु ही सच्चा वीर है!'

सेनापतिको अपनी मूर्खतापर लज्जा आयी इधर पत्नी और कुरानको ससम्मान लौटाया देख बहलोलखाँ जैसा क्रूर सेनापति भी पिघल गया। शिवाजीने उसे दिल्ली लौट जानेका जो पत्र भेजा, उसे भी उसने पढ़ लिया और अन्तमें यही निश्चय किया कि इस फरिश्तेको देखकर दिल्ली लौटूंगा ।

बहलोलने सैनिक भेजकर शिवाजीसे मिलनेकी इच्छा प्रकट की। साथ ही भेटके समय दोनोंके निःशस्त्र रहनेकी प्रार्थना की। शिवाजीने भी स्वीकार कर लिया।

नियत तिथि और समयपर शिवाजी मशाल लिये नियत स्थानपर बहलोलकी प्रतीक्षा करते खड़े थे। इसी बीच बहलोलखाँ आ पहुँचा और 'फरिश्ते' कहकर शिवाजीसे लिपट गया। फिर शिवाजीके पैरोंपर गिरकर | कहने लगा- 'माफ कर दे मुझे। बेगुनाहोंका खून मेरे सर चढ़कर बोलेगा। खुदाके लिये तू तो माफ कर दे। अब मुझ जैसे नापाक इन्सानको इस दुनियामें रहनेका कोई हक नहीं। सिर्फ तेरे पाक कदम चूमनेकी ख्वाहिश थी। बिदा ! अलविदा !!'

बहलोल छुरा निकाल आत्महत्या करना ही चाहता था कि शिवाजीने हाथ पकड़ लिया और छुरा दूर फेंक उसे गले लगा लिया। -गो0 न0 बै0



You may also like these:

हिन्दी कहानी समताका भाव
हिन्दी कथा सद्गुरुकी सीख
आध्यात्मिक कहानी विजयके लिये सेनापति आवश्यक
हिन्दी कहानी रोगी कौन नहीं है
Hindi Story महाशंकर
आध्यात्मिक कहानी बोध-सूक्ति- पीयूष
हिन्दी कहानी बलिप्रथा अधर्म है
आध्यात्मिक कहानी दान और भोग
हिन्दी कहानी ज्ञानपिपासु
हिन्दी कथा जरूरतमन्दकी मदद


paradharmasahishnutaakee vijaya

shivaajee apane tanboo men baithe senaanee maadhav bhaamalekarake aanekee chintaapoorn prateeksha kar rahe the. isee beech haathamen ek granth liye senaanee pahunche. unake peechhe ek dola liye do sainik aaye. dola rakhakar ve chale gaye.

senaaneene prasannamudraase kahaa- 'chhatrapate! aaj mugalasena dooratak khadeda़ dee gayee. bechaara bahalol jaan lekar bhaagaa. ab taakat naheen ki mugal sena yahaan punah pair rakh sake.'

shivaajeene dolekee or dekhate hue gambheerataapoorvak poochhaa- 'yah kya hai ?'

attahaas karate hue senaaneene kahaa- isamen musalim ramaniyonmen sundarataake liye prasiddh bahalolakee begam hai, jo mahaaraajako bhet karaneke liye laayee gayee hai aur yah mere haathaka kuraan leejiye. hamaaree hindoo-sanskriti se khilavaada़ karanevaalonka jee bharakar pratishodh leejiye.

shivaajeene kuraan lekar choom liya aur doleke paas aakar parda hataaya aur bahalolakee begamako baahar aaneko kahaa. usako ooparase neechetak nihaarakar kahaa- ' sachamuch too bada़ee hee sundar hai. aphasos hai ki main tere petase paida naheen hua, naheen to main bhee kuchh sundarata pa jaataa.'

unhonne apane ek any adhikaareeko aadesh diya ki sasammaan aur pooree surakshaake saath begam tatha kuraan shareephako bahalolakhaanko jaakar saunp aaiye.

phir shivaajeene senaaneeko phatakaaraa-'senaapate ! aap mere saath itane din rahe, par mujhe naheen pahachaanasake. ham veer hain; veerakee yah paribhaasha naheen ki abalaaonpar prahaar karen, unaka sateetv looten aur dharmagranthonkee holee jalaayen. kiseekee sanskriti nasht karana kaayarata hai. aise kaayaronka sheeghr ant ho jaata hai. paradharmasahishnu hee sachcha veer hai!'

senaapatiko apanee moorkhataapar lajja aayee idhar patnee aur kuraanako sasammaan lautaaya dekh bahalolakhaan jaisa kroor senaapati bhee pighal gayaa. shivaajeene use dillee laut jaaneka jo patr bheja, use bhee usane padha़ liya aur antamen yahee nishchay kiya ki is pharishteko dekhakar dillee lautoonga .

bahalolane sainik bhejakar shivaajeese milanekee ichchha prakat kee. saath hee bhetake samay dononke nihshastr rahanekee praarthana kee. shivaajeene bhee sveekaar kar liyaa.

niyat tithi aur samayapar shivaajee mashaal liye niyat sthaanapar bahalolakee prateeksha karate khada़e the. isee beech bahalolakhaan a pahuncha aur 'pharishte' kahakar shivaajeese lipat gayaa. phir shivaajeeke paironpar girakar | kahane lagaa- 'maaph kar de mujhe. begunaahonka khoon mere sar chadha़kar bolegaa. khudaake liye too to maaph kar de. ab mujh jaise naapaak insaanako is duniyaamen rahaneka koee hak naheen. sirph tere paak kadam choomanekee khvaahish thee. bida ! alavida !!'

bahalol chhura nikaal aatmahatya karana hee chaahata tha ki shivaajeene haath pakada़ liya aur chhura door phenk use gale laga liyaa. -go0 na0 bai0

94 Views





Bhajan Lyrics View All

मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
सब के संकट दूर करेगी, यह बरसाने वाली,
बजाओ राधा नाम की ताली ।
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
वृन्दावन के बांके बिहारी,
हमसे पर्दा करो ना मुरारी ।
जीवन खतम हुआ तो जीने का ढंग आया
जब शमा बुझ गयी तो महफ़िल में रंग आया
आज बृज में होली रे रसिया।
होरी रे रसिया, बरजोरी रे रसिया॥
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
तू राधे राधे गा ,
तोहे मिल जाएं सांवरियामिल जाएं
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
बृज के नंदलाला राधा के सांवरिया,
सभी दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया
तेरी बंसी पवाडे पाए लख अड़ेया ।
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
कान्हा की दीवानी बन जाउंगी,
दीवानी बन जाउंगी मस्तानी बन जाउंगी,
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
दुनिया का बन कर देख लिया, श्यामा का बन
राधा नाम में कितनी शक्ति है, इस राह पर
अरे बदलो ले लूँगी दारी के,
होरी का तोहे बड़ा चाव...
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
कोई कहे गोविंदा कोई गोपाला,
मैं तो कहूँ सांवरिया बांसुरी वाला ।
मेरी विनती यही है राधा रानी, कृपा
मुझे तेरा ही सहारा महारानी, चरणों से
मुझे रास आ गया है, तेरे दर पे सर झुकाना
तुझे मिल गया पुजारी, मुझे मिल गया

New Bhajan Lyrics View All

झूलो कदम की डाल पडियो जी कोई झूलों
झूलो झुलावा जी कान्हा तान्हे चाव सु  
बता दो ए मेरे मोहन, तेरा दीदार कैसे हो,
बड़ी मुश्किल में हूँ मोहन तेरा दीदार
इना गुरुआं नू मन च बसाइए के गुरु हुंदे
इना गुरुआं नू दिल च बसाइए के गुरु
जैसे बड़ पीपल की पूजा वैसे सास ससुर की
सेवा करनी पड़ेगी ससुराल में...
वन को जब जाना भगवान पहले हमें विदा कर
मेरे टीके पर ओम लिखवाना,