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परम वैष्णव श्रीदेवनायकाचार्यजी की मार्मिक कथा
परम वैष्णव श्रीदेवनायकाचार्यजी की अधबुत कहानी - Full Story of परम वैष्णव श्रीदेवनायकाचार्यजी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [परम वैष्णव श्रीदेवनायकाचार्यजी]- भक्तमाल


श्रीदेवनायकाचार्यजी महाराज सनातनधर्मके महान् स्तम्भ थे। उनके ओजस्वी भाषणसे और तेजस्वी स्वरूपको देखकर लोग आप ही आप श्रद्धापूर्वक उनके चरणोंपर नत हो जाया करते थे। श्रीदेवनायकाचार्यजीका जन्म संवत् 1933 वि0 फाल्गुन शुक्ल तृतीयाको गोरखपुर जनपदके सिरज ग्राममें एक शाण्डिल्य गोत्रीय त्रिपाठी ब्राह्मणकुलमें हुआ था। वे बाल्यावस्थासे ही तेजस्वी और विद्वत्ताकी मूर्ति से लगते थे। उन्होंने अल्पकालमें ही प्रमुख शास्त्रोंका अध्ययन करके अपनी विलक्षण प्रतिभाका परिचय दिया और प्रसिद्ध वैष्णव तोताद्रि स्वामीसे दीक्षा ली। उनके आदेशसे वे सनातनधर्मके प्रचारके लिये निकल पड़े। उनकी विद्वत्ता औरभगवत्परायणतासे समाकृष्ट होकर श्रीयमुनाबाईने संवत् 1985 वि0 में बड़गादी बम्बई स्थित श्रीराममन्दिर - उनकी सेवामें समर्पित कर दिया। वे अनवरत श्रीभगवान्‌के ध्यान और चिन्तनमें तल्लीन रहते थे। उनकी भगवद्भक्ति और विद्वत्ताने देशके असंख्य प्राणियोंका कल्याण किया। उनका जीवन त्यागमय और तपस्यापूर्ण था। उन्होंने अपने जीवनमें सात्त्विकता, पवित्रता और सदाचारको बहुत महत्त्व दिया। शास्त्रका जीवनके किसी भी कार्यक्षेत्रमें उल्लङ्घन नहीं होने पाया।

उन्होंने भगवती गङ्गा-यमुना-सरस्वतीके पवित्र सङ्गमतटपर प्रयागमें संवत् 2002 वि0 माघ शुक्ल प्रतिपदाको शरीर त्याग किया।



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shreedevanaayakaachaaryajee mahaaraaj sanaatanadharmake mahaan stambh the. unake ojasvee bhaashanase aur tejasvee svaroopako dekhakar log aap hee aap shraddhaapoorvak unake charanonpar nat ho jaaya karate the. shreedevanaayakaachaaryajeeka janm sanvat 1933 vi0 phaalgun shukl triteeyaako gorakhapur janapadake siraj graamamen ek shaandily gotreey tripaathee braahmanakulamen hua thaa. ve baalyaavasthaase hee tejasvee aur vidvattaakee moorti se lagate the. unhonne alpakaalamen hee pramukh shaastronka adhyayan karake apanee vilakshan pratibhaaka parichay diya aur prasiddh vaishnav totaadri svaameese deeksha lee. unake aadeshase ve sanaatanadharmake prachaarake liye nikal pada़e. unakee vidvatta aurabhagavatparaayanataase samaakrisht hokar shreeyamunaabaaeene sanvat 1985 vi0 men bada़gaadee bambaee sthit shreeraamamandir - unakee sevaamen samarpit kar diyaa. ve anavarat shreebhagavaan‌ke dhyaan aur chintanamen talleen rahate the. unakee bhagavadbhakti aur vidvattaane deshake asankhy praaniyonka kalyaan kiyaa. unaka jeevan tyaagamay aur tapasyaapoorn thaa. unhonne apane jeevanamen saattvikata, pavitrata aur sadaachaarako bahut mahattv diyaa. shaastraka jeevanake kisee bhee kaaryakshetramen ullanghan naheen hone paayaa.

unhonne bhagavatee gangaa-yamunaa-sarasvateeke pavitr sangamatatapar prayaagamen sanvat 2002 vi0 maagh shukl pratipadaako shareer tyaag kiyaa.

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