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बाबा दूधनराम औघड़ की मार्मिक कथा
बाबा दूधनराम औघड़ की अधबुत कहानी - Full Story of बाबा दूधनराम औघड़ (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [बाबा दूधनराम औघड़]- भक्तमाल


बाबा दूधनराम औघड़ एक सिद्ध महात्मा थे। यह नहीं कहा जा सकता कि उनका जन्मस्थान किस प्रान्तमें था पर उनकी तपोभूमि गाजीपुर जिलेका देवल ग्राम थी। उन्होंने पचीस सालतक इस भूमिभागमें रहकर कड़ी से कड़ी साधना और तपस्या की थी।

वे जातिके क्षत्रिय थे। उनका नाम दूधनाथ सिंह था, इसी नामके अनुसार वे दूधन बाबाके नामसे प्रसिद्ध हुए। देवलमें पधारनेपर हाथमें एक चिमटा लेकर इधर-उधर पागलकी तरह घूमा करते थे। कुछ दिनोंके बाद ग्रामकी पूर्व दिशामें धूनी जलाकर बैठ गये। धीरे-धीरे उनकी ख्याति बढ़ने लगी। एक दिन वे घोडेकी पीठपर सवार होकर कहीं जा रहे थे, एक महात्माने रास्तेमें टोक दिया कि 'तुम साधु होकर घोड़ेपर चढ़ते हो?' अचानक दूधनबाबा पृथ्वीपर खड़े होकर कीर्तन करने लगे, घोड़ा अदृश्य हो गया। ऐसे अनेक चमत्कारपूर्ण घटनाओंसे उनकी जीवनगाथा परिपूर्ण है। वे प्रायः लड़कोंके साथ खेला करते थे। सदा 'श्रीराम जय राम जय जय राम' मन्त्रका उच्चारण किया करते थे। भगवान्‌के विरह में कभी रोते थे तो कभी हँसते थे। उन्होंने कर्मनाशाके तटपर रामशाला नामक एक मठ निर्माण किया था। इसी मठके सन्निकट रामतलाई नामका एक जलाशय भी है, जिसमें स्नान करनेपर ज्वर उतर जाता है। कुछ दिनोंके लिये वे चित्रकूट भी गये थे और प्रेमोन्मत्त होकर मन्दाकिनीके परम पवित्र तटपर रामनामध्वनिसे वातावरणको उन्होंने सरस और सम्पन्न कर दिया। उन्होंने संवत् 1882 वि0 में शरीरत्याग किया।



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[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [baaba doodhanaraam aughada़]- Bhaktmaal


baaba doodhanaraam aughada़ ek siddh mahaatma the. yah naheen kaha ja sakata ki unaka janmasthaan kis praantamen tha par unakee tapobhoomi gaajeepur jileka deval graam thee. unhonne pachees saalatak is bhoomibhaagamen rahakar kada़ee se kada़ee saadhana aur tapasya kee thee.

ve jaatike kshatriy the. unaka naam doodhanaath sinh tha, isee naamake anusaar ve doodhan baabaake naamase prasiddh hue. devalamen padhaaranepar haathamen ek chimata lekar idhara-udhar paagalakee tarah ghooma karate the. kuchh dinonke baad graamakee poorv dishaamen dhoonee jalaakar baith gaye. dheere-dheere unakee khyaati badha़ne lagee. ek din ve ghodekee peethapar savaar hokar kaheen ja rahe the, ek mahaatmaane raastemen tok diya ki 'tum saadhu hokar ghoda़epar chadha़te ho?' achaanak doodhanabaaba prithveepar khada़e hokar keertan karane lage, ghoda़a adrishy ho gayaa. aise anek chamatkaarapoorn ghatanaaonse unakee jeevanagaatha paripoorn hai. ve praayah lada़konke saath khela karate the. sada 'shreeraam jay raam jay jay raama' mantraka uchchaaran kiya karate the. bhagavaan‌ke virah men kabhee rote the to kabhee hansate the. unhonne karmanaashaake tatapar raamashaala naamak ek math nirmaan kiya thaa. isee mathake sannikat raamatalaaee naamaka ek jalaashay bhee hai, jisamen snaan karanepar jvar utar jaata hai. kuchh dinonke liye ve chitrakoot bhee gaye the aur premonmatt hokar mandaakineeke param pavitr tatapar raamanaamadhvanise vaataavaranako unhonne saras aur sampann kar diyaa. unhonne sanvat 1882 vi0 men shareeratyaag kiyaa.

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