⮪ All भक्त चरित्र

भक्तवर श्रीप्यारेलालजी की मार्मिक कथा
भक्तवर श्रीप्यारेलालजी की अधबुत कहानी - Full Story of भक्तवर श्रीप्यारेलालजी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [भक्तवर श्रीप्यारेलालजी ]- भक्तमाल


भक्त प्यारेलालजीका जन्म संवत् 1924 में लखुवाके सन्निकट बाझेड़ा नामक ग्राममें लाला करोड़ीमल अग्रवालके घर हुआ था। शिक्षा-दीक्षा समाप्त करनेपर उनका विवाह प्यावली ग्राममें कर दिया गया। ससुरालमें श्रीधर महाराज नामक एक विद्वान् और आत्मज्ञानी पण्डितके सम्पर्कम आनेपर उनका मन भगवद्भक्तिके रस सागरमें सराबोर हो उठा। वे प्यावलीमें ही रहने लगे, उन्होंने श्रीधर महाराजसे अपना यज्ञोपवीत संस्कार कराया तथा उनके सत्सङ्गसे प्रभावित होकर वे अपने समयका अधिकांश सन्ध्या वन्दन, भगवान्के पूजन और चिन्तनमें लगाने लगे। कुछ दिनोंके बाद उनकी पत्नीका देहान्त हो गया। सन्तानोत्पत्तिके लिये, घरवालोंके विशेष आग्रह करनेपर, उन्होंने कुञ्जो देवोंके साथ दूसरा विवाह कर लिया; वे बड़ी सती-साध्वी थीं। प्यारेलालजीके सुचारु जीवन-यापनमें वे बहुत सहायक सिद्ध हुई। प्यारेलालजीका जीवन अत्यन्त शुद्ध और पवित्र था। वे खानपानमें, आचार-विचारमें शास्त्रोक्त नियमोंकादृढ़तासे पालन करते थे। उनका स्वभाव संयमपूर्ण था, उनपर कलिदेवताका तनिक भी प्रभाव नहीं पड़ा था। वे सदा भजन, संकीर्तन और भगवन्नामजपमें ही तल्लीन रहते थे। उनका जीवन ऋषियोंका-सा था। उन्होंने आजीवन ब्राह्मण और गौके प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा और दृढ़ भक्तिका परिचय दिया। उनके प्रभावसे उनके परिवारके ही लोग नहीं, दूर-दूरके भी लोग भगवद्धजन और कीर्तनमें मस्तीसे सदा संलग्र रहते थे। वृद्धावस्थामें आँखोंके खराब होनेपर आपको ऑपरेशन कराना पड़ा। एक दिन वे ऑपरेशनकी ही अवधिमें अस्पतालमें चिल्ला उठे कि 'भगवान् श्रीकृष्ण किस ओर निकल गये। वे तो अभी-अभी यहीं खड़े थे।' लोग इस घटनासे आश्चर्यचकित हो उठे। वे गङ्गाजी और दाऊजी महाराजमें बड़ी भक्ति रखते थे। कहा करते थे कि 'दाऊजी श्यामसुन्दरके बड़े भाई हैं। उनके प्रसन्न होनेपर भगवान् भक्तके वशमें हो जाते हैं।' 4 फरवरी सन् 1942 ई0 में उन्होंने गोलोककी यात्रा की।



You may also like these:

Bhakt Charitra डाकू भगत
Bhakt Charitra मीराँबाई


bhaktavar shreepyaarelaalajee ki marmik katha
bhaktavar shreepyaarelaalajee ki adhbut kahani - Full Story of bhaktavar shreepyaarelaalajee (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [bhaktavar shreepyaarelaalajee]- Bhaktmaal


bhakt pyaarelaalajeeka janm sanvat 1924 men lakhuvaake sannikat baajheda़a naamak graamamen laala karoda़eemal agravaalake ghar hua thaa. shikshaa-deeksha samaapt karanepar unaka vivaah pyaavalee graamamen kar diya gayaa. sasuraalamen shreedhar mahaaraaj naamak ek vidvaan aur aatmajnaanee panditake samparkam aanepar unaka man bhagavadbhaktike ras saagaramen saraabor ho uthaa. ve pyaavaleemen hee rahane lage, unhonne shreedhar mahaaraajase apana yajnopaveet sanskaar karaaya tatha unake satsangase prabhaavit hokar ve apane samayaka adhikaansh sandhya vandan, bhagavaanke poojan aur chintanamen lagaane lage. kuchh dinonke baad unakee patneeka dehaant ho gayaa. santaanotpattike liye, gharavaalonke vishesh aagrah karanepar, unhonne kunjo devonke saath doosara vivaah kar liyaa; ve bada़ee satee-saadhvee theen. pyaarelaalajeeke suchaaru jeevana-yaapanamen ve bahut sahaayak siddh huee. pyaarelaalajeeka jeevan atyant shuddh aur pavitr thaa. ve khaanapaanamen, aachaara-vichaaramen shaastrokt niyamonkaadridha़taase paalan karate the. unaka svabhaav sanyamapoorn tha, unapar kalidevataaka tanik bhee prabhaav naheen pada़a thaa. ve sada bhajan, sankeertan aur bhagavannaamajapamen hee talleen rahate the. unaka jeevan rishiyonkaa-sa thaa. unhonne aajeevan braahman aur gauke prati pragaadha़ shraddha aur dridha़ bhaktika parichay diyaa. unake prabhaavase unake parivaarake hee log naheen, doora-doorake bhee log bhagavaddhajan aur keertanamen masteese sada sanlagr rahate the. vriddhaavasthaamen aankhonke kharaab honepar aapako ऑpareshan karaana pada़aa. ek din ve ऑpareshanakee hee avadhimen aspataalamen chilla uthe ki 'bhagavaan shreekrishn kis or nikal gaye. ve to abhee-abhee yaheen khada़e the.' log is ghatanaase aashcharyachakit ho uthe. ve gangaajee aur daaoojee mahaaraajamen bada़ee bhakti rakhate the. kaha karate the ki 'daaoojee shyaamasundarake bada़e bhaaee hain. unake prasann honepar bhagavaan bhaktake vashamen ho jaate hain.' 4 pharavaree san 1942 ee0 men unhonne golokakee yaatra kee.

120 Views





Bhajan Lyrics View All

हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहाँ से गर जो हरा कहाँ जाऊँगा सरकार
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम
लोग करें मीरा को यूँ ही बदनाम
शिव कैलाशों के वासी, धौलीधारों के राजा
शंकर संकट हारना, शंकर संकट हारना
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
नगरी हो अयोध्या सी,रघुकुल सा घराना हो
चरन हो राघव के,जहा मेरा ठिकाना हो
जिंदगी एक किराये का घर है,
एक न एक दिन बदलना पड़ेगा॥
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
कारे से लाल बनाए गयी रे,
गोरी बरसाने वारी
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मुझे चाहिए बस सहारा तुम्हारा,
के नैनों में गोविन्द नज़ारा तुम्हार
शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
एक दिन वो भोले भंडारी बन कर के ब्रिज की
पारवती भी मना कर ना माने त्रिपुरारी,
हम प्रेम दीवानी हैं, वो प्रेम दीवाना।
ऐ उधो हमे ज्ञान की पोथी ना सुनाना॥
अच्युतम केशवं राम नारायणं,
कृष्ण दमोधराम वासुदेवं हरिं,
राधा ढूंढ रही किसी ने मेरा श्याम देखा
श्याम देखा घनश्याम देखा
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
लाली की सुनके मैं आयी
कीरत मैया दे दे बधाई
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
तेरी मंद मंद मुस्कनिया पे ,बलिहार
यह मेरी अर्जी है,
मैं वैसी बन जाऊं जो तेरी मर्ज़ी है
रंग डालो ना बीच बाजार
श्याम मैं तो मर जाऊंगी
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
जगत में किसने सुख पाया
जो आया सो पछताया, जगत में किसने सुख
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद
फाग खेलन बरसाने आये हैं, नटवर नंद

New Bhajan Lyrics View All

जय जय गणपति बप्पा
जय जय मंगलमूर्ति की मन से बोलिये
आओ गजानंद जी तुम्हें प्रथम मनाएंगे,
मेवे और लड्डुओं का हम भोग लगाएंगे...
श्यामा तेरा प्यार कंडे दी ए तार,
ईदे ते चलना सोखा नियो, जू नंगी तलबार,
भर दे भर दे दातिया झोलियाँ भर दे,
हारा वाले दाता तू सानू सोणा दर्श दे दे,
ढूंढ्यो सारो म्हे संसार,
थांसों दूजो ना सरकार,