⮪ All भगवान की कृपा Experiences

प्रत्यक्ष श्रीहनुमत्कृपा

यों तो परमात्माकी अनुकम्पासे हर जगह ऐसी घटनाएँ घटित होती ही रहती हैं, जिनको देखकर उनकी व्यापकतामें कोई संदेह नहीं रह जाता; परंतु कभी-कभी ऐसी विचित्र घटनाएँ भी होती हैं, जिनको सुनकर ही मनुष्यको रोमांच हो आता है तथा भक्तिसे हृदय ओतप्रोत हो जाता है।

बहुत पुरानी बात है। लक्ष्मणगढ़ (सीकर) राजस्थानमें बाबू शिवदत्तरायजी सोमानी–फर्म नवलराम सूरजमल सोमानीके एक पुत्रको जिसका नाम गणपतराय था, उसके एक निकटस्थ कुटुम्बीने जोशियोंके झाड़ (एक पुराना कुआँ, जिसकी अब मरम्मत हो गयी हैं और कोठीके नामसे पुकारा जाता है) में डाल दिया था। गणपतरायकी आयु उस समय लगभग छः वर्षकी थी। बालकके एकाएक लापता हो जानेसे गाँवभरमें सनसनी फैल गयी। घरवालोंने गाँवका कोना-कोना खोज डाला और हताश होकर बैठ रहे।

जोशियोंका वह खेत, जिसमें यह कुआँ है, लक्ष्मणगढ़ शहरके दक्षिण-पूर्व कोनेपर पहला खेत है। इसलिये उस ओरके जाट एवं मालियोंके बालक वर्षाऋतुको छोड़कर अपनी भेड़-बकरियोंको प्रायः यहीं, इस कुएँके आस-पास ही चराया करते हैं। यह कुआँ बहुत दिनोंसे ध्वस्त पड़ा था। इसकी भीतरी कोठी (दीवार) आधी गिर गयी थी। इसमें पानी नहीं था और गाँववाले जब किसीके घरमें कोई सौंप-बिच्छू निकलता, तब लाकर इसमें छोड़ देते थे। न इस कुएँका भरवा था और न इसका ऊपरी हिस्सा ठीकसे बनाया गया था। इसके ऊपर जाने तथा अन्दर झाँकनेसे भय लगता था ।

इसमें गणपतरायके डाले जानेके तीन दिन बाद एक भेड़-बकरी चरानेवाला लड़का इस कुएँपर गया और उसने कुछ दूरसे ही एक कंकड़ उठाकर कुएँ में फेंक दिया। उसे कुएँमेंसे आती हुई एक स्पष्ट मानवी आवाज सुनायी दी। लड़का डरकर भागा और उसने उस खेतके बाहर गाँवकी ओर आने-जानेवाले दो-चार व्यक्तियोंको यह समाचार कह सुनाया। धीरे-धीरे गणपतरायके घरवालोंको भी यह खबर लगी। वे एक पनडुब्बे (कुएँमें उतरकर काम करनेमें दक्ष व्यक्ति) - को साथ लेकर कुएँपर आये। सरकारी सिपाही भी वहाँ मौजूद थे। तमाशा देखनेवाले भी कई इकट्ठे हो गये थे।श्रीऋषिकुल- ब्रह्मचर्याश्रम संस्कृत कालेजके तत्कालीन मन्त्री बाबू श्रीरामनिरंजनलालजी चूड़ीवाल भी वहाँ मौजूद थे। पनडुब्बेको कुऍमें उतारा गया। राजस्थान एक मरुप्रधान प्रान्त है। यहाँ कुओंकी कोठी (दीवार), जिसको नाल भी कहते हैं, दोहरी चुनी जाती है। एक बार खोदते समय चुनाई ऊपरसे नीचे जाती है और पानीतक पहुँचनेपर फिर नीचेसे ऊपरतक आती है। इस कुएँकी एक नाल आधी गिर गयी थी और उसके तमाम ढेले कुएँके अन्दर पेंदेमें ही थे। यह आधी नालका घेरा तलके कुछ ऊपर दिखायी देता था। गणपतराय एकदम तलमें था, जो कर्दममय था तथा वहाँ गिरी हुई नालके बड़े-बड़े बेले पड़े थे। आदमी (पनडुब्बे) को अपनी ओर आता देखकर गणपतरायने उसे अपनेको कुँएके बाहर निकालनेके लिये कहा। पनडुब्बेने उसको रस्सीमें लगी हुई फाँसीमें, जो बिलकुल नहीं सरकती, पैर डालकर बैठने और रस्सीको पकड़नेके लिये कहा । लड़के यह कहनेपर कि मुझे ऐसा करनेमें डर लगता है, उसने ऊपरवालोंको एक पीढ़ा, जो खाट जैसा बना होता है, कुएँमें उतारनेको कहा। ऐसा ही किया गया और चूँकि लड़का तीन दिनतक कुएँके अन्दर रह चुका था, उसको बाहरकी हवा नहीं लगी थी, इसलिये एकाएक बाहरकी भारी हवामें आनेसे किसी प्रकारकी खराबीकीआशंकासे उसे रूईके पहलोंमें लपेटकर बाहर निकाला गया। उस समयतक वहाँ गाँवके बहुत से बाल-वृद्ध एकत्र हो गये थे। सबने उस बालकको रूईके पहलोंमें लिपटे हुए देखा।

बाहर निकाले जानेके बाद जब लड़केसे पूछा गया- 'तुम्हें कोई चोट तो नहीं आयी ?' तब उसने उत्तर दिया- 'मुझे गिरते समय बीचमें ही एक आदमीने अपने हाथोंपर थाम लिया था। वही मुझे खानेके लिये रोज लड्डू देता था, प्यालेमें पानी पिलाता था, मेरे पास आकर बैठता था। वह मुझे धीरज देता, खेल खिलाता और एक गुफा (गड्ढे ) में सुलाता था। वह लाल लंगोट पहने हुए था, इसने दिनतक उसीने मेरी देखभाल की।'

उसके मुँह से यह सुनकर लोगोंके आश्चर्य और हर्षको सीमा न रही। भक्तिसे सबके हृदय गद्गद हो गये। सब एक स्वरसे 'बजरंगबलीकी जय' बोल उठे। सब भावविभोर थे, उनके मस्तिष्कमें लाल लंगोटवालेकी दयालुताके विचार थे।

सूरजमलजी जबतक जीते रहे, तबतक हर शनिवार और मंगलवारको वहाँ जाकर महावीर हनुमानजीको प्रसाद चढ़ाते और घीके दीपक जलाते थे।

[ श्रीहरदत्तजी व्यास ]



You may also like these:

Real Life Experience साधु-दम्पती


pratyaksh shreehanumatkripaa

yon to paramaatmaakee anukampaase har jagah aisee ghatanaaen ghatit hotee hee rahatee hain, jinako dekhakar unakee vyaapakataamen koee sandeh naheen rah jaataa; parantu kabhee-kabhee aisee vichitr ghatanaaen bhee hotee hain, jinako sunakar hee manushyako romaanch ho aata hai tatha bhaktise hriday otaprot ho jaata hai.

bahut puraanee baat hai. lakshmanagadha़ (seekara) raajasthaanamen baaboo shivadattaraayajee somaanee–pharm navalaraam soorajamal somaaneeke ek putrako jisaka naam ganapataraay tha, usake ek nikatasth kutumbeene joshiyonke jhaada़ (ek puraana kuaan, jisakee ab marammat ho gayee hain aur kotheeke naamase pukaara jaata hai) men daal diya thaa. ganapataraayakee aayu us samay lagabhag chhah varshakee thee. baalakake ekaaek laapata ho jaanese gaanvabharamen sanasanee phail gayee. gharavaalonne gaanvaka konaa-kona khoj daala aur hataash hokar baith rahe.

joshiyonka vah khet, jisamen yah kuaan hai, lakshmanagadha़ shaharake dakshina-poorv konepar pahala khet hai. isaliye us orake jaat evan maaliyonke baalak varshaarituko chhoda़kar apanee bheda़-bakariyonko praayah yaheen, is kuenke aasa-paas hee charaaya karate hain. yah kuaan bahut dinonse dhvast pada़a thaa. isakee bheetaree kothee (deevaara) aadhee gir gayee thee. isamen paanee naheen tha aur gaanvavaale jab kiseeke gharamen koee saunpa-bichchhoo nikalata, tab laakar isamen chhoda़ dete the. n is kuenka bharava tha aur n isaka ooparee hissa theekase banaaya gaya thaa. isake oopar jaane tatha andar jhaankanese bhay lagata tha .

isamen ganapataraayake daale jaaneke teen din baad ek bheda़-bakaree charaanevaala lada़ka is kuenpar gaya aur usane kuchh doorase hee ek kankada़ uthaakar kuen men phenk diyaa. use kuenmense aatee huee ek spasht maanavee aavaaj sunaayee dee. lada़ka darakar bhaaga aur usane us khetake baahar gaanvakee or aane-jaanevaale do-chaar vyaktiyonko yah samaachaar kah sunaayaa. dheere-dheere ganapataraayake gharavaalonko bhee yah khabar lagee. ve ek panadubbe (kuenmen utarakar kaam karanemen daksh vyakti) - ko saath lekar kuenpar aaye. sarakaaree sipaahee bhee vahaan maujood the. tamaasha dekhanevaale bhee kaee ikatthe ho gaye the.shreerishikula- brahmacharyaashram sanskrit kaalejake tatkaaleen mantree baaboo shreeraamaniranjanalaalajee chooda़eevaal bhee vahaan maujood the. panadubbeko kuऍmen utaara gayaa. raajasthaan ek marupradhaan praant hai. yahaan kuonkee kothee (deevaara), jisako naal bhee kahate hain, doharee chunee jaatee hai. ek baar khodate samay chunaaee ooparase neeche jaatee hai aur paaneetak pahunchanepar phir neechese ooparatak aatee hai. is kuenkee ek naal aadhee gir gayee thee aur usake tamaam dhele kuenke andar pendemen hee the. yah aadhee naalaka ghera talake kuchh oopar dikhaayee deta thaa. ganapataraay ekadam talamen tha, jo kardamamay tha tatha vahaan giree huee naalake bada़e-bada़e bele pada़e the. aadamee (panadubbe) ko apanee or aata dekhakar ganapataraayane use apaneko kuneke baahar nikaalaneke liye kahaa. panadubbene usako rasseemen lagee huee phaanseemen, jo bilakul naheen sarakatee, pair daalakar baithane aur rasseeko pakada़neke liye kaha . lada़ke yah kahanepar ki mujhe aisa karanemen dar lagata hai, usane ooparavaalonko ek peedha़a, jo khaat jaisa bana hota hai, kuenmen utaaraneko kahaa. aisa hee kiya gaya aur choonki lada़ka teen dinatak kuenke andar rah chuka tha, usako baaharakee hava naheen lagee thee, isaliye ekaaek baaharakee bhaaree havaamen aanese kisee prakaarakee kharaabeekeeaashankaase use rooeeke pahalonmen lapetakar baahar nikaala gayaa. us samayatak vahaan gaanvake bahut se baala-vriddh ekatr ho gaye the. sabane us baalakako rooeeke pahalonmen lipate hue dekhaa.

baahar nikaale jaaneke baad jab lada़kese poochha gayaa- 'tumhen koee chot to naheen aayee ?' tab usane uttar diyaa- 'mujhe girate samay beechamen hee ek aadameene apane haathonpar thaam liya thaa. vahee mujhe khaaneke liye roj laddoo deta tha, pyaalemen paanee pilaata tha, mere paas aakar baithata thaa. vah mujhe dheeraj deta, khel khilaata aur ek gupha (gaddhe ) men sulaata thaa. vah laal langot pahane hue tha, isane dinatak useene meree dekhabhaal kee.'

usake munh se yah sunakar logonke aashchary aur harshako seema n rahee. bhaktise sabake hriday gadgad ho gaye. sab ek svarase 'bajarangabaleekee jaya' bol uthe. sab bhaavavibhor the, unake mastishkamen laal langotavaalekee dayaalutaake vichaar the.

soorajamalajee jabatak jeete rahe, tabatak har shanivaar aur mangalavaarako vahaan jaakar mahaaveer hanumaanajeeko prasaad chadha़aate aur gheeke deepak jalaate the.

[ shreeharadattajee vyaas ]

99 Views





Bhajan Lyrics View All

शिव समा रहे मुझमें
और मैं शून्य हो रहा हूँ
फूलों में सज रहे हैं, श्री वृन्दावन
और संग में सज रही है वृषभानु की
मेरा यार यशुदा कुंवर हो चूका है
वो दिल हो चूका है जिगर हो चूका है
ਮੇਰੇ ਕਰਮਾਂ ਵੱਲ ਨਾ ਵੇਖਿਓ ਜੀ,
ਕਰਮਾਂ ਤੋਂ ਸ਼ਾਰਮਾਈ ਹੋਈ ਆਂ
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे,
मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
मेरा आपकी कृपा से,
सब काम हो रहा है
सांवरे से मिलने का, सत्संग ही बहाना है,
चलो सत्संग में चलें, हमें हरी गुण गाना
तेरे दर पे आके ज़िन्दगी मेरी
यह तो तेरी नज़र का कमाल है,
बहुत बड़ा दरबार तेरो बहुत बड़ा दरबार,
चाकर रखलो राधा रानी तेरा बहुत बड़ा
हर पल तेरे साथ मैं रहता हूँ,
डरने की क्या बात? जब मैं बैठा हूँ
इक तारा वाजदा जी हर दम गोविन्द गोविन्द
जग ताने देंदा ए, तै मैनु कोई फरक नहीं
जग में सुन्दर है दो नाम, चाहे कृष्ण कहो
बोलो राम राम राम, बोलो श्याम श्याम
किसी को भांग का नशा है मुझे तेरा नशा है,
भोले ओ शंकर भोले मनवा कभी न डोले,
मेरे बांके बिहारी बड़े प्यारे लगते
कही नज़र न लगे इनको हमारी
दाता एक राम, भिखारी सारी दुनिया ।
राम एक देवता, पुजारी सारी दुनिया ॥
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
जय राधे राधे, राधे राधे
जय राधे राधे, राधे राधे
मीठी मीठी मेरे सांवरे की मुरली बाजे,
होकर श्याम की दीवानी राधा रानी नाचे
हे राम, हे राम, हे राम, हे राम
जग में साचे तेरो नाम । हे राम...
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं
वो तो दशरथ राज दुलारे हैं
मन चल वृंदावन धाम, रटेंगे राधे राधे
मिलेंगे कुंज बिहारी, ओढ़ के कांबल काली
सांवरिया है सेठ ,मेरी राधा जी सेठानी
यह तो सारी दुनिया जाने है
अपने दिल का दरवाजा हम खोल के सोते है
सपने में आ जाना मईया,ये बोल के सोते है
प्रभु मेरे अवगुण चित ना धरो
समदर्शी प्रभु नाम तिहारो, चाहो तो पार
तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुमको मन लेंगे

New Bhajan Lyrics View All

सारी दुनिया से वो निराले हैं,
मेरे सतगुरू बड़े भोले भाले हैं,
नंदभवन में उड़ रही धूल,
धूल मोहे प्यारी लगे
ओ सांवरे दुःख से बचाते रहोगे,
आते रहे हो हर दम आते रहोगे,
म्हारा रुनिजारा राम, म्हारा रुनिजारा
थारो बिगड़ी बणादे असो नाम
आया आया बुलावा है आया,
ओ माँ शेरावाली,