⮪ All भक्त चरित्र

भक्त कवि श्रीदयारामभाई की मार्मिक कथा
भक्त कवि श्रीदयारामभाई की अधबुत कहानी - Full Story of भक्त कवि श्रीदयारामभाई (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [भक्त कवि श्रीदयारामभाई]- भक्तमाल


प्रसिद्ध भक्तरत्न गुजरातके महाकवि श्रीदयारामभाईका जन्म सं0 1833 के भाद्रपद शुक्ला द्वादशी (वामनद्वादशी) को डभोई में हुआ था। उनके पिताका नाम प्रभुराम भट्ट और माताका नाम महालक्ष्मी अथवा राजकोर था। माता पिताके गोलोकवासी हो जानेके कारण दयारामभाई ननिहाल में रहते थे।

दयारामभाईके भावुक हृदयको जाग्रत् करनेवाले थे- भगवद्भक्त श्रीइच्छाराम भट्ट। भट्टजीके समागमसे दयारामभाईका आभ्यन्तरिक जीवन आश्चर्यजनक रीतिसे पलट गया। भट्टजीका उपदेश प्राप्तकर दयारामभाईने अपना जीवन श्रीकृष्णके गुणगानमें ही लगा दिया और गोस्वामी श्रीवल्लभलालजी महाराजसे दीक्षा ग्रहण की। विवाहके लिये कहनेपर इन्होंने बिलकुल इन्कार कर दिया और कहा कि 'मेरा विवाह तो श्रीकृष्णचन्द्रके साथ हो चुका, अब मुझे किसी और विवाहकी आवश्यकता नहीं है।'

एक बस्यो गोपीजनवल्लभ, नहिं स्वामी बीजो।

नहिं स्वामी बीजो रे मारे, नहिं स्वामी बीजो ॥

रसीले दयारामभाई युगलसरकारके दर्शनार्थ वृन्दावन पहुँचे। तीन दिन अनशन करके रहे। चौथे दिन श्रीजीसहित भगवान् श्रीकृष्णने दर्शन देकर इन्हें कृतार्थ किया और अपनी प्रेमलक्षणा भक्ति दी। अपने इन अद्भुत अनुभवोंका वर्णन दयारामभाईने 'अद्भुतमञ्जरी' नामक ग्रन्थमें किया है। इस मञ्जरीमें भगवान्‌की विविध लीलाओंके दर्शन होते हैं, जिन्हें पढ़ते-पढ़ते हृदय द्रवित हो जाता है।

दयारामभाईने ग्यारह भाषाओंमें साहित्यिक रचना की। परंतु उनकी समस्त रचनाएँ राधेश्यामके गुणानुवादसे ही भरी हैं।

दयारामभाईकी गरबियोंने गुजरातके घर-घरमें अपना स्थान कर रखा है। जबतक गुजरात और गुजराती भाषा तथा गुजराती साहित्यमें गरबी साहित्यको स्थान रहेगा, तबतक दयारामभाईका नाम अमर रहेगा।

संवत् 1901 माघ वदी पञ्चमीके दिन इस रसिक भक्त शिरोमणिने डभोईमें ही नश्वर शरीरको छोड़कर गोलोकके लिये प्रयाण किया। भगवत्प्राप्तिके समय इनके शिष्योंने इनके आज्ञानुसार

"मारा अंत समे अलबेला मुजने मूकशो मा।'

'दरशन दो नी रे दासने मारा गुणनिधि गिरधरलाल ॥'

- आदि प्रेमभरे पद गा रहे थे।



You may also like these:

Bhakt Charitra मीराँबाई
Bhakt Charitra डाकू भगत


bhakt kavi shreedayaaraamabhaaee ki marmik katha
bhakt kavi shreedayaaraamabhaaee ki adhbut kahani - Full Story of bhakt kavi shreedayaaraamabhaaee (hindi)

[Bhakt Charitra - Bhakt Katha/Kahani - Full Story] [bhakt kavi shreedayaaraamabhaaee]- Bhaktmaal


prasiddh bhaktaratn gujaraatake mahaakavi shreedayaaraamabhaaeeka janm san0 1833 ke bhaadrapad shukla dvaadashee (vaamanadvaadashee) ko dabhoee men hua thaa. unake pitaaka naam prabhuraam bhatt aur maataaka naam mahaalakshmee athava raajakor thaa. maata pitaake golokavaasee ho jaaneke kaaran dayaaraamabhaaee nanihaal men rahate the.

dayaaraamabhaaeeke bhaavuk hridayako jaagrat karanevaale the- bhagavadbhakt shreeichchhaaraam bhatta. bhattajeeke samaagamase dayaaraamabhaaeeka aabhyantarik jeevan aashcharyajanak reetise palat gayaa. bhattajeeka upadesh praaptakar dayaaraamabhaaeene apana jeevan shreekrishnake gunagaanamen hee laga diya aur gosvaamee shreevallabhalaalajee mahaaraajase deeksha grahan kee. vivaahake liye kahanepar inhonne bilakul inkaar kar diya aur kaha ki 'mera vivaah to shreekrishnachandrake saath ho chuka, ab mujhe kisee aur vivaahakee aavashyakata naheen hai.'

ek basyo gopeejanavallabh, nahin svaamee beejo.

nahin svaamee beejo re maare, nahin svaamee beejo ..

raseele dayaaraamabhaaee yugalasarakaarake darshanaarth vrindaavan pahunche. teen din anashan karake rahe. chauthe din shreejeesahit bhagavaan shreekrishnane darshan dekar inhen kritaarth kiya aur apanee premalakshana bhakti dee. apane in adbhut anubhavonka varnan dayaaraamabhaaeene 'adbhutamanjaree' naamak granthamen kiya hai. is manjareemen bhagavaan‌kee vividh leelaaonke darshan hote hain, jinhen padha़te-padha़te hriday dravit ho jaata hai.

dayaaraamabhaaeene gyaarah bhaashaaonmen saahityik rachana kee. parantu unakee samast rachanaaen raadheshyaamake gunaanuvaadase hee bharee hain.

dayaaraamabhaaeekee garabiyonne gujaraatake ghara-gharamen apana sthaan kar rakha hai. jabatak gujaraat aur gujaraatee bhaasha tatha gujaraatee saahityamen garabee saahityako sthaan rahega, tabatak dayaaraamabhaaeeka naam amar rahegaa.

sanvat 1901 maagh vadee panchameeke din is rasik bhakt shiromanine dabhoeemen hee nashvar shareerako chhoda़kar golokake liye prayaan kiyaa. bhagavatpraaptike samay inake shishyonne inake aajnaanusaara

"maara ant same alabela mujane mookasho maa.'

'darashan do nee re daasane maara gunanidhi giradharalaal ..'

- aadi premabhare pad ga rahe the.

138 Views





Bhajan Lyrics View All

मेरी करुणामयी सरकार, मिला दो ठाकुर से
कृपा करो भानु दुलारी, श्री राधे बरसाने
सारी दुनियां है दीवानी, राधा रानी आप
कौन है, जिस पर नहीं है, मेहरबानी आप की
श्याम बुलाये राधा नहीं आये,
आजा मेरी प्यारी राधे बागो में झूला
सज धज कर जिस दिन मौत की शहजादी आएगी,
ना सोना काम आएगा, ना चांदी आएगी।
कैसे जिऊ मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही ना लागे तुम्हारे बिना
कहना कहना आन पड़ी मैं तेरे द्वार ।
मुझे चाकर समझ निहार ॥
बृज के नन्द लाला राधा के सांवरिया
सभी दुख: दूर हुए जब तेरा नाम लिया
हो मेरी लाडो का नाम श्री राधा
श्री राधा श्री राधा, श्री राधा श्री
हम हाथ उठाकर कह देंगे हम हो गये राधा
राधा राधा राधा राधा
सावरे से मिलने का सत्संग ही बहाना है ।
सारे दुःख दूर हुए, दिल बना दीवाना है ।
ये तो बतादो बरसानेवाली,मैं कैसे
तेरी कृपा से है यह जीवन है मेरा,कैसे
ऐसी होली तोहे खिलाऊँ
दूध छटी को याद दिलाऊँ
मेरा अवगुण भरा शरीर, कहो ना कैसे
कैसे तारोगे प्रभु जी मेरो, प्रभु जी
प्रभु कर कृपा पावँरी दीन्हि
सादर भारत शीश धरी लीन्ही
साँवरिया ऐसी तान सुना,
ऐसी तान सुना मेरे मोहन, मैं नाचू तू गा ।
कैसे जीऊं मैं राधा रानी तेरे बिना
मेरा मन ही न लगे श्यामा तेरे बिना
वृंदावन में हुकुम चले बरसाने वाली का,
कान्हा भी दीवाना है श्री श्यामा
Ye Saare Khel Tumhare Hai Jag
Kahta Khel Naseebo Ka
किशोरी कुछ ऐसा इंतजाम हो जाए।
जुबा पे राधा राधा राधा नाम हो जाए॥
राधे मोरी बंसी कहा खो गयी,
कोई ना बताये और शाम हो गयी,
नी मैं दूध काहे नाल रिडका चाटी चो
लै गया नन्द किशोर लै गया,
लाडली अद्बुत नज़ारा तेरे बरसाने में
लाडली अब मन हमारा तेरे बरसाने में है।
जिनको जिनको सेठ बनाया वो क्या
उनसे तो प्यार है हमसे तकरार है ।
कोई पकड़ के मेरा हाथ रे,
मोहे वृन्दावन पहुंच देओ ।
मेरी बाँह पकड़ लो इक बार,सांवरिया
मैं तो जाऊँ तुझ पर कुर्बान, सांवरिया
राधा कट दी है गलिआं दे मोड़ आज मेरे
श्याम ने आना घनश्याम ने आना
राधे राधे बोल, श्याम भागे चले आयंगे।
एक बार आ गए तो कबू नहीं जायेंगे ॥
मैं तो तुम संग होरी खेलूंगी, मैं तो तुम
वा वा रे रासिया, वा वा रे छैला
राधे तेरे चरणों की अगर धूल जो मिल जाए
सच कहता हू मेरी तकदीर बदल जाए
रसिया को नार बनावो री रसिया को
रसिया को नार बनावो री रसिया को

New Bhajan Lyrics View All

पर्वत पे आजा मेरी गौरा,
क्यों देखे गौरा खड़ी खड़ी...
गणनाथ से हटकर मन कही जाता नही है,
सच पूछो तो उन जैसा कोई दाता नही है,
गजानंद पहले मैं तुमको मनाऊ,
तुमको मनाऊ देवा तुमको मनाऊ,
कहां जाओगे बांके बिहारी, होली होगी
आगे आगे हैं बांके बिहारी,
शीला देवीजी की आँख के तारे मेरे
प्रेमचंद्रजी के जो नन्दन, उनको वंदन,