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भक्तवर श्रीरामाजी की मार्मिक कथा
भक्तवर श्रीरामाजी की अधबुत कहानी - Full Story of भक्तवर श्रीरामाजी (हिन्दी)

[भक्त चरित्र -भक्त कथा/कहानी - Full Story] [भक्तवर श्रीरामाजी]- भक्तमाल


सारन (छपरा) जिलेके खेड़ाय गाँवमें श्रीवास्तव कायस्थ-कुलमें साकेतवासी श्रीरामयादलालजी (श्रीरामप्रियाशरण) की धर्मपत्नी श्रीलालप्यारो देवीके गर्भसे सं0 1926 भाद्रपद कृष्णा सप्तमोको श्रीरामाजीका आविर्भाव हुआ। जन्मसे ही आप सरल, विनम्र और भावुक प्रकृतिके थे। बाल्यावस्थामें ही इनके विलक्षण गुणोंको देखकर अनेक साधु-महात्माओंने कहा था कि यह बालक परम भक्त होगा। पठन-पाठनमें इनका मन लगता ही नहीं। कोई साधु-संत देखते हो ये उनकी सेवायें लग जाते। साधुसेवामें इन्हें बड़ा सुख मिलता था। आपके गुरु पटनाके सुप्रसिद्ध महात्मा श्रीस्वामी भीष्मजी महाराज थे।

स्वभावसे ही विनम्र और साधुसेवी होनेके कारण श्रीरामाजी सभीके श्रद्धापात्र बन गये। 'मैं सेवक सचराचर रूप स्वामि भगवंत'—सारा संसार भगवान्‌का स्वरूप है और मैं हूँ उसका विनम्र सेवक - इसी भावसे आपने समस्त चराचरको प्रभुरूपसे उपासना की। आप सदा जमीनपर बैठते। आप उच्चासनपर कभी नहीं बैठे, न किसी सवारीपर चढ़कर कहीं गये। विवाहमें लोगों के बड़ा आग्रह करनेपर एक घंटेके लिये पालकीपर बैठे थे; परंतु परिछनके बाद पैदल ही ससुराल गये साधु ब्राह्मणके सामने अथवा अपनेसे बड़ेके सामने उच्चासनपर बैठना अथवा सवारीपर बैठना आप बेअदबी मानते थे और ऐसा मानते थे कि इससे भगवान् असन्तुष्ट होते हैं।

भगवान् श्रीरामकी उपासना आपकी थी। रामलीला में आपकी बड़ी भक्ति थी। भगवान्की वन-यात्राकी झाँकी करुणरससे पूर्ण होनेके कारण पहले आपके हृदयको बहुत आकृष्ट करती थी। आप करुणरसकी मूर्ति हो थे। परंतु इस झाँकीको उपासना स्थायी नहीं हुई। आपको एक बार सहसा भगवान्के दूल्हारूपका ध्यान हुआ औरवह हृदयमें ऐसा घर कर गया कि आप एक प्रकारसे उसी रूपपर बिक गये। फिर एक क्षणके लिये भी उस 'नौशे बबुआ' की छविसे मनको कभी अलग नहीं। होने दिया।

अपने गाँवके अड़ोस-पड़ोसमें ऊँच-नीच किसी भी जातिके बालकका जब विवाह होता, तब रामाजी दूल्हेको जोड़ा पहनाते और उसे दूल्हा रामका रूप | समझकर आनन्द-पुलकित होते। संसारके सारे झमेलॉय अलग होकर आप प्रत्येक क्षण भगवत्स्मृतिमें ही मा । रहते। आपकी शरणागति सच्ची थी। एक क्षणके विस्मरणमें आप परम व्याकुल होकर छटपटाने लगते। 'दूल्हारूप रामकर ध्याना' में आपकी निष्ठा इतनी दृढ़ कि आप किसी भी दूल्हेको जाते देखते तो पालकीक साथ हो लेते और चँवर डुलाने लगते, उसका चरण हे चाँपते। इस पाद-संवाहनमें आपको स्वयं श्रीभगवान्के पाद-संवाहनका आनन्द मिलता !

एक बार आपकी इच्छा 'अर्चाविग्रह' का विवाहोत्सव न मनानेकी हुई। श्रीकिशोरीजीकी मूर्ति अपने यहाँ थी हो। सभी सामान तो आ गया; परंतु श्रीकिशोरीजीके लिये आभूषणोंका प्रबन्ध नहीं हो सका। मन मारे प चिन्तामग्न होकर एक वृक्षके नीचे बैठे थे। इतनेमें क्या देखते हैं कि एक सुनार सोनेके अनेक बहुमूल्य गहने। लाकर आपसे कहता है, 'इन गहनोंको रख लो। जब दाम हो, दे देना।' विवाहके अनन्तर भक्तवर रामाजीने उस 'सुनार' को बहुत खोजा, परंतु इस खोजमें उन्हें हो। खो जाना पड़ा!

कुछ दिन बाद सरयाँ गाँवमें आप अपने प्रेमी बाबु नगनारायणलालके यहाँ वास कर रहे थे। वहीं संब 1985 की जेठ बदी दूजको भगवान् श्रीरामचन्द्रके चरणोंका चिन्तन करते हुए आप साकेतलोकको पधारे।।



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saaran (chhaparaa) jileke kheड़aay gaanvamen shreevaastav kaayastha-kulamen saaketavaasee shreeraamayaadalaalajee (shreeraamapriyaasharana) kee dharmapatnee shreelaalapyaaro deveeke garbhase san0 1926 bhaadrapad krishna saptamoko shreeraamaajeeka aavirbhaav huaa. janmase hee aap saral, vinamr aur bhaavuk prakritike the. baalyaavasthaamen hee inake vilakshan gunonko dekhakar anek saadhu-mahaatmaaonne kaha tha ki yah baalak param bhakt hogaa. pathana-paathanamen inaka man lagata hee naheen. koee saadhu-sant dekhate ho ye unakee sevaayen lag jaate. saadhusevaamen inhen bada़a sukh milata thaa. aapake guru patanaake suprasiddh mahaatma shreesvaamee bheeshmajee mahaaraaj the.

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ek baar aapakee ichchha 'archaavigraha' ka vivaahotsav n manaanekee huee. shreekishoreejeekee moorti apane yahaan thee ho. sabhee saamaan to a gayaa; parantu shreekishoreejeeke liye aabhooshanonka prabandh naheen ho sakaa. man maare p chintaamagn hokar ek vrikshake neeche baithe the. itanemen kya dekhate hain ki ek sunaar soneke anek bahumooly gahane. laakar aapase kahata hai, 'in gahanonko rakh lo. jab daam ho, de denaa.' vivaahake anantar bhaktavar raamaajeene us 'sunaara' ko bahut khoja, parantu is khojamen unhen ho. kho jaana pada़aa!

kuchh din baad sarayaan gaanvamen aap apane premee baabu naganaaraayanalaalake yahaan vaas kar rahe the. vaheen sanb 1985 kee jeth badee doojako bhagavaan shreeraamachandrake charanonka chintan karate hue aap saaketalokako padhaare..

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